कोविड-19 से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण बेंगलुरु में फंसे 180 प्रवासी मजदूरों को नेशनल लॉ स्कूल के पूर्व छात्र और कुछ अन्य उदार लोगों ने मिलकर विमान से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजा. कर्नाटक में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के लिए काम कर रहे पत्रकार विजय ग्रोवर ने बताया कि विमान यात्रा का खर्चा एक अग्रणी विधि कम्पनी के प्रबंधक साझेदार अजय बहल ने उठाया है और एनएलएस के पूर्व छात्रों के दल ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ सम्पर्क किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिक रायपुर से अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच पाए.
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ग्रोवर ने ‘पीटीआई-भाषा’ ने कहा, ‘‘ विमान कारीकेम्पेगोडा अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे से बृहस्पतिवार सुबह रायपुर के लिए रवाना हुआ. चेक-इन प्रक्रिया आधी रात के आस पास गई थी.’’ उन्होंने बताया कि पूर्व छात्रों ने अपने ‘ मिशन आहन वाहन’ के तहत , पूर्व छात्रों के नेटवर्क में योगदान और कुछ अन्य उदार लोगों की मदद से 28 मई से अभी तक 500 से अधिक प्रवासी मजदूरों को मुम्बई से झारखंड और ओडिशा भेज चुके हैं.
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ग्रोवर ने कहा, ‘‘ ‘ मिशन आहन वाहन’ के तहत यह बेंगलुरु से पहला विमान रवाना हुआ है और इसके सभी प्रबंध बेंगलुरु में रहने वाले एनएलएस के पूर्व छात्रों ने किए.’’ बेंगलुरु में एनएलएस के पूर्व छात्रोंकी टीम ने कई एनजीओ और स्वयंसेवक दलों के साथ मिलकर अभियान को बढ़ाया भी ताकि जरूरतमंदों तक पहुंचा जा सके.