Advertisment

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पर एनटीसीए का बड़ा खुलासा, CRPF जवान कर रहे हैं कुछ ऐसा काम

छत्तीसगढ़ में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व को लेकर बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने साल 2018 की रिपोर्ट जारी की है. इसमें काफी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व पर एनटीसीए का बड़ा खुलासा, CRPF जवान कर रहे हैं कुछ ऐसा काम

उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व

Advertisment

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व को लेकर बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने साल 2018 की रिपोर्ट जारी की है. इसमें काफी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इसमें बताया गया है कि सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से 15 गांव बाहर जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अब तक बाहर नहीं भेजा जा सका है. टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सीआरपीएफ के जवान बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. पेड़ों के तने को छिला जा रहा है ताकि वह सूख जाए. यहां तक शिकार में सीआरपीएफ के जवानों के लिप्त होने का जिक्र किया गया है.

राज्य में 14 संरक्षित वन क्षेत्रों में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व एक है. टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पेड़ों की कटाई और वन्यजीवों के शिकार की शिकायत मिली थी. इसके बाद एनटीसीए की टीम ने टाइगर रिजर्व में आकर जांच की थी। टीम ने विभाग के कर्मचारियों से बात की थी.

यह भी पढ़ें- MP_CG Breaking News Live: दिनभर की बड़ी खबरों के लिए बने रहिए न्यूज स्टेट के साथ

कर्मचारियों ने बताया था कि सीआरपीएफ के जवान बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई कर उन्हें ले जाते हैं. टीम ने सीआरपीएफ के कैंप के पास भ्रमण किया तो बड़े पैमाने पर पेड़ों की छाल पाई गई. एनटीसीए का मानना है कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में 76 बीट गार्ड की पोस्ट है, जिनमें से 34 पोस्ट रिक्त हैं. इस कारण रात को गश्त नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही पेट्रोलिंग और संधारण का रिकार्ड भी ढंग से नहीं रखा जा रहा है.

एनटीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व से कुल 32 गांव सटे हैं. इनमें से 15 गांव के लोग दूसरी जगह शिफ्ट होने को तैयार हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. गांव के पूर्व सरपंच ने साल 2012-13 से गांव से बाहर जाने की मांग की थी. ग्रामीण अगर गांव से बाहर जाएंगे तो वहां घास भूमि के मैदान तैयार किये जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- अगले 24 घंटों के दौरान तेज आंधी और ओलावृष्टि की संभावना, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोर एरिया में प्रोटेक्शन कैंप बहुत कम हैं. कुछ कैंपों का दौरा किया गया, जिनमें कर्मचारी नहीं पाए गए. रिपोर्ट में उल्लेख है कि वन क्षेत्रों में स्टाफ की संख्या जंगल क्षेत्र के अनुसार होनी चाहिए. कर्मचारियों की कमी से नाइट पेट्रोलिंग नहीं हो पाती है. कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी आवश्यक होनी चाहिए.

यह वीडियो देखें- 

Source : News Nation Bureau

chhattisgarh CRPF NTCA udanti sitanadi tiger reserve udanti sitanadi tiger reserve upsc Wildlife refuge in Udanti
Advertisment
Advertisment
Advertisment