शिवानंद आश्रम में रहने वाले नक्सल पीड़ित बच्चों के लिए इस बार खाकी दोहरी खुशियां लेकर आई. पिछले सालों में इन्हें दूसरे बच्चों को होली खेलकर संतोष करना पड़ता था, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ . ये बच्चे होली के दौरान जब दूसरे बच्चों को रंग और गुलाल से खेलते हुए देखते थे तो इन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि इनके पास न तो पिचकारी है और न ही रंग.
बस्तर पुलिस को जब इन नक्सल पीड़ित बच्चों के बारे में जानकारी लगी तो उन्होंने इनकी होली यादगार बनाने का फैसला लिया. पुलिस के जवानों ने खुद शिवानंद आश्रम जाकर वहां रहने वाले बच्चों को रंग-गुलाल और पिचकारी भेंट करते हुए उन्हें होली की बधाई दी, मायूस बच्चों के चेहरे खिल उठे . धरमपुरा के शिवानंद आश्रम में रहने वाले ज्यादातर बच्चे नक्सल पीड़ित है और आश्रम की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं होने के कारण यहां रहने वाले बच्चों को बमुश्किल वक्त का खाना नसीब हो पाता है.
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर गाड़ी को उड़ाया, 9 लोग घायल
बस्तर आईजी के निर्देश पर पुलिस की टीम सभी बच्चों के लिए रंग, गुलाल पिचकारी और मिठाई लेकर आश्रम पहुंची. रंग गुलाल और पिचकारियां देख बच्चो के चेहरों पर मुस्कान आ गई. अनुविभागीय पुलिस अधिकारी यूलेंडन यार्क ने बच्चों के साथ बैठ कर होली के गीत गाए, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
बच्चें खुश होकर पुलिस की टीम के साथ गीत गाने लगे.होली के त्यौहार की खुशी बस्तर पुलिस ने आश्रम के बच्चों को देने के साथ ही पुलिस की टीम ने हर महीने आश्रम को राशन की मदद देने का आश्वासन दिया है.
Source : News Nation Bureau