इस साल कोरोना वायरस महामारी का काफी बुरा असर पड़ा है. लेकिन कुछ ऐसी भी जगह हैं, जहां इस संक्रमण की वजह से काफी कुछ सुधरा है. कोरोनाकाल के दौरान रेल ज्यादा सुरक्षित हुई है. पिछले साल के मुकाबले 60 फीसद तक अपराध कम हुए हैं. कोरोना काल में रायपुर जीआरपी थाने में अपराध का ग्राफ 60 फीसदी गिर गया है. कोरोना दौर में रेलवे स्टेशनों में सन्नाटा पसरा रहा. ऐसे हालत में चोर-उच्चके और बदमाशों को कोई मौका नहीं मिला. जिसके कार रेलवे स्टेशन क्षेत्र में अपराध में कमी आई है.
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दरअसल, इस संकटकाल में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने मार्च महीने से ही ट्रेनों का आवागन बंद कर दिया गया था. ट्रेनें बंद होने से स्टेशन भी खाली हो गए. ऐसे में अपराधियों को ज्यादा मौका नहीं मिला. जानकारी के मुताबिक जीआरपी थाने में वर्ष 2020 में अब तक कुल 123 अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि वर्ष 2019 में 338 मामले दर्ज किए गए थे. इस साल दर्ज किए गए प्रकरणों में चोरी के मामले सबसे अधिक हैं, जबकि गांजा तस्करी के सात मामले दर्ज हैं. वहीं पिछले साल नारकोटिक्स एक्ट के आठ मामले दर्ज किए गए थे.
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उधर, कोरोना संक्रमण काल में पैरोल व जमानत पर जेल से बाहर निकले करीब 700 कैदियों को 6 महीने के बाद अब फिर से सलाखों के पीछे जाना होगा. पैरोल खत्म होने के बाद एक जनवरी को उनकी जेलों में वापसी होगी. इस दौरान जेल परिसर में ही उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें जेल के भीतर प्रवेश दिया जाएगा.
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ज्ञात हो कि कोरोना काल में केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया था. इसके साथ ही जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशानिर्देश जारी किया. इसके तहत कैदियों को पैरोल व जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया गया. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कैदियों के पैरोल व जमानत अवधि तीन बार बढ़ाई जा चुकी है.
Source : News Nation Bureau