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छत्तीसगढ़ के इन जिलों में बारिश ने मचाई तबाही, कई मकान ढहे

छत्तीसगढ़ में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई जिलों में बाढ़ के कारण घर ढह गए हैं और गांव टापू बन गए हैं. वहीं सबसे खराब स्थिति दंतेवाड़ा जिले की है.

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Ritu Sharma
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Chhattisgarh Rain

Chhattisgarh Rain News: छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य के विभिन्न जिलों में आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. भारी बारिश के कारण कई मकान ढह गए हैं और सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. ग्रामीण अंचलों में इस बारिश ने विशेष रूप से भारी तबाही मचाई है, जिससे लोग बाढ़ और जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं.

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नदी-नालों के उफान से आवागमन बाधित

नदी-नालों के उफान पर होने के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है. छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे शहरों में नेशनल हाईवे पर पानी भर जाने से दूसरे राज्यों से संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में कई मवेशी बह गए हैं और शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर जाने से वाहन भी डूब गए हैं.

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बस्तर संभाग में लाल पानी का कहर

आपको बता दें कि सबसे बुरा हाल छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले का है. यहां एनएमडीसी (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की लौह अयस्क खदान से आ रहे लाल पानी ने कहर बरपाया है. कुछ दिन पहले भारी बारिश के कारण एनएमडीसी स्टील प्लांट के किरंदुल में स्थित 11C सेक्टर में बांध टूट गया, जिससे प्लांट का पानी नीचे बस्तियों की ओर आ गया और चारों तरफ इस लाल पानी ने तबाही मचा दी. इस लाल पानी में कई मकान ढह गए और मवेशी बह गए.

राहत कार्य और उच्च सतर्कता

वहीं पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने दंतेवाड़ा के रहवासियों का जीना मुश्किल कर दिया है. लगभग 500 से अधिक लोगों को इस लाल पानी से बचाकर राहत शिविरों में रखा गया है. प्रभावित लोगों का कहना है कि उनके घर के सामान इस लाल पानी में बह गए और घर भी तबाह हो गए. लगभग 800 से अधिक लोग इस भारी बारिश और लाल पानी की तबाही के कारण बेघर हो गए हैं. एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं.

किरंदुल में आपदा और बचाव कार्य

आपको बता दें कि 21 जुलाई को एनएमडीसी आयरन ओर खदान के 11C सेक्टर में बांध टूटने के बाद बंगाली कैंप पूरी तरह से तबाह हो गया था. फिर से भारी बारिश के कारण किरंदुल में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पहाड़ियों से आ रहे लाल पानी ने बस्तियों को तबाह कर दिया है. दंतेवाड़ा के कलेक्टर ने भारी बारिश और बांध टूटने के कारण हाई अलर्ट जारी किया है.

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बस्तर के अन्य जिलों में भी तबाही

वहीं दंतेवाड़ा के अलावा बीजापुर, सुकमा, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर जिलों में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है. कई नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे सैकड़ों गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. नेशनल हाईवे और आंतरिक सड़कों पर जलभराव हो गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इंद्रावती नदी भी उफान पर है, जिससे डूबान क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव पड़ा है.

मौसम विभाग का येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने बस्तर संभाग में अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने सभी जिलों के कलेक्टर को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. विशेष रूप से दंतेवाड़ा में लोगों को राहत शिविरों में ले जाने और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इस लाल पानी की तबाही ने लोगों का सब कुछ छीन लिया है और यह बारिश उन पर कहर बनकर टूटी है.

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