पुलिस की गिरफ्त में आए स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट इंडिया (SIMI) के कार्यकर्ता अहरुद्दीन उर्फ अजहर उर्फ केमिकल से रविवार की रात इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसरों और पुलिस ने घंटों पूछताछ की. उसने अपने कई साथियों के नाम का खुलासा किया है. जिन्होंने उसकी मदद की. उसने बताया कि 2013 में सिमी के छत्तीसगढ़ चीफ उमेर सिद्दीकी समेत 17 लोगों की गिरफ्तारी के बाद वह काफी डर गया था. पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वह भागकर दुर्ग-भिलाई में छिप गया था. वहां उसके दोस्त ने उसकी मदद की थी.
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वहीं कई महीनों तक नागपुर, मुंबई और यूपी में फरारी काटता रहा. यहां से वह साऊदी चला गया. उसके दोस्त ने उसे पासपोर्ट, वीजा बनवाकर दिया. साउदी में वह छह सालों तक टैक्सी चलाता रहा और सुपर मार्केट में काम करता रहा. पुलिस अब सऊदी भेजने में मददगार उसके दोस्त की तलाश में लगी है. दो दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद NIA कोर्ट बिलासपुर में पुलिस उसे पेश करेगी.
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अजहर ने बताया कि साल भर में एक-दो बार वह सऊदी से हैदराबाद जरूर आता था. हैदराबाद में उसके कई रिश्तेदार हैं. अजहर यहां दवाई बेचने का काम करता था. उसके फरार होने के बाद परिजन मौदहापारा छोड़कर बैजनाथपारा और संजयनगर में जाकर रहने लगे. अजहर का बड़ा भाई छत्तीसगढ़ पुलिस में है. अफसरों का कहना है कि परिजनों से उसका कोई संपर्क नहीं रहा है. लंबे समय से उसने किसी भी घरवाले से बात नहीं की है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो