छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर में स्थित डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के 64 करोड़ घोटाले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) के हेड क्वार्टर से लोन की फाइल जब्त कर ली है. डीकेएस के लोन की 105 पन्नों की फाइल को खंगालने करीब दो घंटे तक कई दस्तावेजों का परीक्षण किया गया. पीएनबी के पूर्व एजीएम सुनील अग्रवाल की दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी. एजीएम अग्रवाल 20 मई को रायपुर (Raipur) कोर्ट में उपस्थित होंगे. उसी समय कोर्ट से उनकी रिमांड लेने की तैयारी है.
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एसआईटी (SIT) हेड सीएसपी नसर सिद्दीकी के साथ पुलिए टीम शुक्रवार दोपहर पीएनबी के कटोरातालाब स्थित हेड क्वार्टर पहुंची. बैंक के अधिकारियों का बयान लेने के बाद डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लोन से संबंधित दस्तावेज मांगे गए. परीक्षण के बाद उन्हें जब्त किया गया. अफसरों ने संकेत दिए हैं कि बैंक लोन की फाइल में 30 पन्ने बेहद महत्वपूर्ण हैं. उसका अध्ययन किया जा रहा है.
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दस्तावेजों के प्रारंभिक परीक्षण से संकेत मिल रहे हैं कि कर्ज देने के लिए कई निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया. कई दस्तावेज अधूरे हैं, उसके बाद भी बैंक ने इतनी बड़ी रकम का लोन स्वीकृत कर दिया. बैंक की व्यवस्था का परीक्षण करने के बाद ऐसे तथ्य मिले हैं, जिससे अधूरे दस्तावेजों के आधार पर लोन स्वीकृत करने में पूर्व एजीएम अग्रवाल की मुख्य भूमिका सामने आ रही है. अफसरों का कहना है अभी अग्रवाल से पूछताछ नहीं हो पाई. ट्रांजिट रिमांड पर जब एजीएम पेश होंगे तब उन्हें पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. उनके हस्ताक्षर का सैंपल लिया जाएगा. उसका दस्तावेजों से मिलान किया जाएगा.
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