छत्तीसगढ़ के भोपालपट्टनम और महाराष्ट्र की सीमा पर वन विभाग ने सागौन लकड़ी के 83 गोले जब्त किए हैं. यह कार्रवाई भोपालपट्टनम वन परिक्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. हालांकि, तस्करों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला किया, जिसमें कुछ कर्मचारी घायल भी हुए हैं. वन मंडलाधिकारी एन. गुरुनाथन ने बताया, 'भोपालपट्टनम परिक्षेत्र में वन तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. अब तक लाखों रुपये मूल्य के सागौन के गोले तस्करी करते हुए पकड़े गए हैं. ज्यादातर आरोपी महाराष्ट्र के हैं, जो तस्करों की ओर से इंद्रावती नदी के सहारे एक राज्य से दूसरे राज्य सागौन की तस्करी करने का काम करते हैं.'
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उन्होंने कहा, "लेकिन हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रियता से अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई में लगभग 15 से 17 घनमीटर सागौन जब्त किया गया है. हम लगातार हमारे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और तेलंगाना के सम्पर्क में हैं, और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते रहते हैं. जिसके कारण वन तस्करी की जानकारी मिलने लगी है. भोपालपट्टनम परिक्षेत्र के रेंजर के. आर. चापड़ी ने कहा, "सामान्य और इंद्रावती टाइगर प्रोजेक्ट के संयुक्त अभियान के दौरान यह सफलता मिली है. कर्मचारियों के एक दल को तस्करी की सूचना पर इंद्रावती नदी के किनारे गश्त पर रात 12 बजे तैनात किया गया था."
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उन्होंने कहा, इसी दौरान तस्कर 83 नग सागौन के गोलों को नदी के बहाव के माध्यम से बहा कर तेलंगाना की ओर ले जा रहे थे, जिसे देखते ही हमारे कर्मचारी उन्हें पकड़ने के लिए पानी में कूद गए. उन्होंने कहा, "वन कर्मचारियों को देख तस्करों ने पत्थरों से हमला कर दिया, जिसमें हमारे सुरक्षा समिति के कुछ सदस्यों को चोटें भी आई हैं. इसके बावजूद कर्मचारियों ने 83 नग गोलों को अपने कब्जे में ले लिया है. हालांकि तस्कर भागने में सफल हो गए हैं. पकड़ी गई सागौन की कीमत 12 लाख रुपये के आसपास है. हमारी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई तबतक जारी रहेगी, जबतक तस्करी थम नहीं जाती."
Source : News Nation Bureau