छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र और मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी को जमानत दे दी. उच्च न्यायालय ने पहले इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. अधिवक्ता विवेक शर्मा ने बताया कि अमित जोगी के खिलाफ उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंदी समीरा पैकरा द्वारा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान जन्म स्थान को लेकर गलत जानकारी देने के आरोप में गौरेला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
अमित जोगी को विगत तीन सितम्बर को सुबह बिलासपुर स्थित मरवाही सदन से गिरफ्तार किया गया था. निचली अदालतों से जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद जोगी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी. विगत 25 सितम्बर को न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. उच्च न्यायालय में अमित जोगी की ओर से जबलपुर के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह और विवेक शर्मा ने मामले की पैरवी करते हुए कहा कि यह दस्तावेजी सबूत का प्रकरण है. वर्ष 2013 की घटना के छह साल बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके लिए हिरासत में पूछताछ की जरुरत नहीं है.
यह भी तर्क दिया गया कि जिस आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उसी समान मुद्दे पर एक चुनाव याचिका उच्च न्यायालय से पहले ही ख़ारिज हो चुकी है. न्यायमूर्ति आरसीएस सामंत की एकल पीठ ने अमित जोगी को जमानत दे दी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस वर्ष फरवरी महीने में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मरवाही विधानसभा सीट से प्रत्याशी रही समीरा पैकरा ने जिले के गौरेला थाना में अमित जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
समीरा का आरोप है कि अमित जोगी का जन्म स्थान अमेरिका में है. जबकि उन्होंने वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में जन्म स्थान गौरेला क्षेत्र के सारबहरा गांव का बताया है. पैकरा ने आरोप लगाया है कि जोगी ने गलत तरीके से सारबहरा गांव का जन्म स्थान का प्रमाण पत्र प्राप्त किया और उन्होंने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी थी.
Source : आईएएनएस