एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शपथ ग्रहण समारोह में देश विदेश के मेहमान शामिल हुए. चुनाव के समय बंगाल हिंसा में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ताओं के परिवार को बतौर सम्मान के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने बुलाया गया है. वहीं दंतेवाला (Dantewada) के विधायक भीमा मंडावी जो लोकसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले नक्सल हिंसा का शिकार हुए, उनके परिवार को नजरअंदाज किया गया. शपथ ग्रहण समारोह में उनकी विधवा पत्नी को किसी ने याद नहीं किया. विधायक के परिवार के अब तक आंसू नहीं थमे और पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया. ऐसे में भीमा मंडावी के परिवार का दर्द छलका है. उन्होंने दिल्ली में शपथ ग्रहण में ना बुलाने पर नाराजगी जताई है.
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भीमा मंडावी (Bhima Mandavi) की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने कहा कि मुझे भी यह पता चला था कि बीजेपी के कार्यकर्ता जो बंगाल हिंसा में मारे गए हैं, उनके परिवारों को सम्मान के तौर पर मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि मेरे पति भी नक्सल हिंसा में शहीद हुए हैं, मोदी जी के संदेश का इंतजार था, लेकिन मुझे किसी भी तरह का कोई संदेश नहीं दिया गया. ओजस्वी मंडावी ने कहा कि पार्टी के द्वारा उपेक्षा की गई, इस बात का उन्हें दुख है.
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बस्तर टाइगर को हराने वाले बीजेपी विधायक भीमा मंडावी ने दंतेवाड़ा में नक्सली हमले (Naxal Attack) में अपनी जान गंवा दी थी. लोकसभा चुनावों से दो दिन पहले दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बीजेपी विधायक के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी. इसके अलावा सुरक्षा में लगे पांच जवान भी शहीद हो गए थे. भीमा मंडावी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बस्तर टाइगर यानी महेंन्द्र कर्मा को हराकर की थी. वो अपने क्षेत्र में खासे लोकप्रिय थे.
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