छत्तीसगढ़ में हफ्तेभर पहले तक ठीक-ठाक बरसने के बाद मानसूनी हवा फिर रुक गई है. पिछले छह दिन से प्रदेश के अधिकांश हिस्से में बारिश या तो थमी हुई है, या बहुत हल्की है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यहां बारिश की हवाएं 17 जुलाई तक चलने के आसार कम हैं.
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वजह ये है कि बंगाल की खाड़ी में कोई सिस्टम नहीं है. यह एक-दो दिन में बनना शुरू हुआ तो मैच्योर होने में चार-पांच दिन लगेंगे. यही नहीं, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ जैसे सिस्टम भी नहीं हैं, जो समुद्र से बादलों को उस तरफ खींच लें. इस कारण से चार-पांच सूखे रहने वाले हैं. इसका असर ये हुआ है कि प्रदेश के 12 जिलों में जहां औसत से ज्यादा बारिश हुई थी, वहां के आंकड़े सामान्य हो चुके हैं. बचे हुए 15 जिलों में तो बारिश औसत से 59 फीसदी तक कम हो गई है.
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मौसम विज्ञानियों के अनुसार खाड़ी और उत्तर भारत में सिस्टम बनने पर मानसूनी हवा छत्तीसगढ़ के ऊपर से बरसती हुई नार्थ इंडिया की तरफ बढ़ती है. जब खाड़ी में सिस्टम बनता है तो वह हवा को तटवर्ती इलाकों तक भेजता है. ठीक इसी समय उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ बनने पर वह समुद्री हवा को अपनी ओर खींचती है.अभी ऐसा कोई सिस्टम ही डेवलप नहीं हुआ है.एक द्रोणिका है, जो काफी कमजोर है. सिर्फ इसी के असर से थोड़ी नमी आ रही है. इससे छुटपुट बारिश हो रही है.
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