सूरजपुर. जिले की दो युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाने और वहां जाकर बेच देने के सनसनीखेज मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. बंधक बनाई गई दोनों बहनों को पुलिस ने भारत-पाक सीमा से मुक्त करा कर परिजनों को सौंप दिया गया है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता भी मिली है. कोतवाली पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर 3 लोगों के विरुद्ध मानव तस्करी का अपराध पंजीबद्ध कर टीम बनाई थी.
इस संबंध में पुलिस ने बताया कि प्रेमनगर निवासी गोरेलाल अपनी 2 बहनों के साथ सूरजपुर में किराए का मकान लेकर रहता था. साथ में उनका एक परिचित शैलेंद्र टोप्पो भी यहां रहता था. फरवरी में इनका संपर्क राममसेवक टोप्पो से हुआ.
वह काम दिलाने के नाम पर झांसा देकर रामेश्वरी, कलावती, सोनिया और शैलेंद्र को दिल्ली ले गया. कुछ दिन बाद शैलेंद्र और रामेश्वरी तो वापस आ गये, लेकिन कलावती और सोनिया वापस नहीं आई.
इसी बीच इनमें से एक युवती का फोन इनके परिजनों के पास आया, कि उन्हें बंधक बना लिया गया है और प्रताड़ित किया जा रहा है. परिजनों ने इस बात की शिकायत कोतवाली में की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रतापपुर निवासी रामसेवक और नई दिल्ली निवासी अशोक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया था.
पुलिस की एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया, वहां से रामसेवक टोप्पो को हिरासत में लेकर पूछताछ की और भारत पाक सीमा स्थित राजस्थान के श्रीगंगानगर में होने की जानकारी मिलने पर टीम वहां पहुंची. पुलिस ने बताए गए ठिकाने पर दबिश दी. जहां से दोनों बहनों को बरामद किया गया और सूरजपुर लाकर परिजनों को सौप दिया गया है.
Source : News Nation Bureau