एक मंडप में दो शादियों के बारे में आपने जरूर सुना होगा. लेकिन एक मंडप में एक दूलहा और दो दुल्हनें हो ऐसा शायद ही कहीं सुना हो. आज हम आपको एक ऐसी ही शादी के बारे में बता रहे हैं. जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
मामला छ्त्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा के बारसूर का है. जहां एक ही दूल्हे के साथ दो दुल्हनों ने साथ रहने का फैसला लिया. जिसके बाद दोनों ने सात फेरे लिए. मुचनार गांव की यह शादी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस शादी की सबसे खास बात यह रही कि सामाजिक तौर पर भी इस शादी को मान्यता दे दी गई है. बड़े बुजुर्गों ने भी भी शादी में शिरकत की.
यह है पूरी कहानी
इस अनोखी शादी की शुरुआत लिव इन रिलेशनशिप से शुरू हुई. अब आप सोचेंगे कि दंतेवाड़ा जैसे पिछड़े इलाके में लिव इन रिलेशनशिप कैसे संभव है. तो उसकी एक दिलचस्प कहानी है. दरअसल मुचनार ग्राम के रहने वाले बीरबल का करीब तीन साल पहले करेकोट की रहने वाली एक युवती से हुई थी.
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दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. जिसके बाद सुमनी मुचनार आकर बीरबल के साथ रहने लगी. लेकिन कुछ महीने बाद उनके प्यार में खटास आ गई जिसके बाद सुमनी अपने घर चली गई. बीरबल ने उसे मनाने की कोशिश की लेकिन सुमनी नहीं लौटी. करीब दो साल बाद बीरबल बारसूर के चालकीपारा की रहने वाली प्रतिभा को अपने घर ले आया.
जिसके बाद परिजनों ने दोनों का सामाजिक तौर पर विवाह करवाने का फैसला किया. सुमनी को जब शादी की जानकारी मिली तो वह मुचनार पहुंच गई. वहां पर उसने पहुंचकर बीरबल पर अपना हक जताना शुरू कर दिया. सुमनी ने कहा कि वह बीरबल के साथ रहना चाहती है. प्रतिभा भी बीरबल के साथ रहने पर अड़ी हुई थी.
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मामला गांव के बुजुर्गों के बीच पहुंचा. जिसके बाद उन्होंने उन तीनों के पक्ष को सुना. बुजुर्गों ने दोनों युवतियों को बीरबल के साथ शादी करने का सुझाव दिया. जिसे सुमनी और प्रतिभा के साथ ही बीरबल के घर वालों ने भी स्वीकार कर लिया. गांव के बड़े बुजुर्गों की मौजूदगी में सुमनी और प्रतिभा ने बीरबल के साथ रविवार को एक ही मंडप में एक ही साथ सात फेरे लिए.