गरीबों के लिए वरदान और सबसे भरोसेमंद अस्पताल में भी अब जान की कीमत कुछ नहीं है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारी इतने लापरवाह हो चुके हैं कि उनके कारण ब्लड ग्रुप तक की रिपोर्ट सही नहीं दी जा रही है. इस वजह से एक महिला मरीज को समय पर प्लेटलेट नहीं दिया जा सका और उसकी मौत हो गई. परिजनों ने ब्लड बैंक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यह मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है.
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दरअसल, शनिवार को कोसीर निवासी निरंजन पटेल अपनी गर्भवती पत्नी प्रेमलता को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचा. सुबह करीब 10 बजे डिलीवरी हुई. जिसके बाद नवजात बच्चे को आईसीयू में रखा गया, लेकिन महिला के शरीर में खून की कमी पाई गई. डॉक्टरों ने प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत बताई. परिजनों ने ब्लड बैंक से संपर्क किया तो वहां से उन्हें महिला के ब्लड ग्रुप की पर्ची देकर जिंदल फोर्टिस भेजा गया. पर्ची में ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव लिखा था. जब परिजन जिंदल हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां पुन ब्लड ग्रुप चेक किया गया. इस बार ग्रुप ओ पॉजिटिव बताया गया.
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पर्ची में बी पॉजिटिव लिखा होने के कारण जिंदल अस्पताल से उसे सुधारकर दूसरी स्लिप लाने को कहा गया. लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ. इसी दौड़ भाग में डेढ़ घंटे का समय बीत गया और महिला की हालत खराब हो गई. इतनी देर भटकने के बाद भी रिपोर्ट में सुधार नहीं हो सका, जबकि परिजनों ने जिंदल अस्पताल में प्लेटलेट के लिए 17 सौ रुपए जमा भी कर दिए थे. समय पर प्लेटलेट नहीं चढ़ाया जा सका और महिला की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों और ब्लड बैंक कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
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