छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पृथकवास केंद्र में एक श्रमिक की मौत हो गई है. बिलासपुर जिले के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि जिले के तखतपुर विकासखंड के अंतर्गत लमेर गांव के पृथकवास केंद्र में रविवार देर रात एक श्रमिक की मौत हो गई. श्रमिक सिर में चोट लगने के कारण नौ जून से बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में भर्ती था.
रविवार की रात को सिम्स से छुट्टी होने के बाद उसे पृथकवास केंद्र भेजा गया था, जहां देर रात उसकी मौत हो गई . बिलासपुर जिले के के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर प्रमोद महाजन ने बताया कि लमेर गांव का श्रमिक फागूराम सहदेव गोड़ (50 वर्ष) लखनऊ से बिलासपुर वापस लौटते समय रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गया था. सिर में चोट लगने की वजह से उसे सिम्स में भर्ती कराया गया था.
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रविवार देर शाम उसे सिम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन पृथकवास केंद्र में देर रात उसकी मृत्यु हो गई. श्रमिक की मौत दिल का दौरा पड़ने से अथवा किसी अन्य कारण से हो सकती है. महाजन ने बताया कि फागूराम का शव पोस्टमार्टम के लिए बिलासपुर लाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के सही कारणों के बारे में खुलासा हो सकेगा.
सिम्स की जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर आरती पाण्डेय ने बताया कि श्रमिक के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे सिम्स से छुट्टी दी गई थी. मरीज को सिर और हाथ-पैर में सामान्य चोटे लगी थीं और उसमें कोरोना वायरस से संबन्धित कोई लक्षण नहीं थे. इसलिए नए प्रोटोकाल के तहत उसका स्वाब सैंपल नहीं लिया गया था.
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वहीं कोटा के अनुविभागीय दंडाधिकारी ए आर तिवारी ने बताया कि मजदूर फागूराम आठ जून को बस में बैठकर लखनऊ से बिलासपुर आया था. सरगुजा-कोरबा के बीच वह बस से गिर पड़ा था. इससे उसे उसके सिर और हाथ-पैर मे चोट लगी थी. आठ जून को उसे तखतपुर विकासखंड के लमेर गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में बने पृथकवास केंद्र में रखा गया था.
तबीयत बिगड़ने पर उसे नौ जून को इलाज के लिए बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तिवारी ने बताया कि श्रमिक को 14 जून की देर शाम को सिम्स अस्पताल ने स्वस्थ बताकर डिस्चार्ज कर दिया था. रात को उसे लमेर के पृथकवास केंद्र वापस भेज दिया गया था जहां देर रात उसकी मौत हो गई.
Source : Bhasha