पेट्रोल पंप पर लापरवाही करना किसी के लिए भी भारी पड़ सकता है, फिर चाहे वह ग्राहक हो या पेट्रोल पंप कर्मचारी. पेट्रोल पंप पर लापरवाही का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें एक पंप कर्मचारी ने एक पेट्रोल कार में डीजल भर दिया. जिसके चलते कार को भारी नुकसान हुआ. जिसपर कार मालिक जिला उपभोक्ता अदालत पहुंच गया.
उसके बाद दो साल तक केस चला और उसके बाद तेल कंपनी पर 26000 रुपये का जुर्माना लगाया. दरअसल, तेलंगाना के वारंगल में 30 जुलाई 2022 को मीनाक्षी नायडू नाम की एक महिला पेट्रोल पंप पर अपनी कार में पेट्रोल भरवाने गई थी. जहां महिला की कार में पंप कर्मचारी ने पेट्रोल की बजाय डीजल भर दिया.
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डीजल डलने से खराब हो गई कार
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी से कार में 1000 रुपये का पेट्रोल भरने को कहा. उसके बाद उसने डेबिट कार्ड से पैसों का भुगतान भी कर दिया. महिला ने आरोप लगाया कि पेट्रोल भरवाने के 10 मिनट बाद उसकी कार को स्टार्ट होने में परेशानी आने लगी. इस दौरान इंजन से तेज आवाज भी आने लगी. साथ ही गाड़ी भी ठीक से नहीं चल रही थी.
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पेट्रोल पंप के खिलाफ की शिकायत
उसके बाद महिला किसी तरह से कार चलाकर हैदराबाद पहुंची. जहां उसने कार को रिपेयरिंग के लिए अथॉराइज्ड सेंटर पर भेजा. जब वहां कार की जांच की गई तो पता चला कि पेट्रोल कार में डीजल डालने की वजह से गाड़ी को नुकसान हुआ है. उसके बाद कार की रिपेयरिंग की गई. जिसका खर्च 6381 आया. इसके बाद महिला ने पेट्रोल पंप संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
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महिला ने आरोप लगाया कि फ्यूल टैंक पर पेट्रोल का स्टीकर लगा होने के बावजूद पंप कर्मचारी ने कार में डीजल डाल दिया. इस मामले में फ्यूल स्टेशन ने कोर्ट में महिला के आरोपों का जवाब दिया. जिसमें कहा गया कि अगर उनके साथ ऐसा हुआ था तो उन्हें इसकी शिकायत तुरंत करनी चाहिए थी.
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2 साल तक कोर्ट में चला केस
इसके बाद जिला उपभोक्ता अदालत में पूरे दो साल तक केस चला. जहां लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने पेट्रोल पंप की लापरवाही के लिए तेल कंपनी पर 26000 रुपये का जुर्माना लगाया. जिसे पीड़ित महिला को देने को कहा गया.