केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन लगातार 72वें दिन भी जारी है. 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. उग्र किसानों ने लाल किला पर कब्जा कर लिया और अपना झंडा फहरा दिया. इसके अलावा उन्होंने सरकारी और सार्वजिनक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया.
26 जनवरी के दिन हुई हिंसा के बाद से दिल्ली पुलिस दोषियों की धरपकड़ में लगी हुई है. हिंसा में शामिल कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई वाहनों को भी जब्त किया गया है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स को भी खंगाल रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में हिंसा फैलाने में सोशल मीडिया की बड़ी भागीदारी रही.
हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की इंटेलीजेंस यूनिट ने बताया कि अभी तक की जांच में 1160 ट्विटर अकाउंट्स की पहचान की गई है, जिन्होंने भड़काऊ जानकारी शेयर कर हिंसा फैलाने का काम किया. हैरानी की बात ये है कि 1160 में ले 157 ट्विटर अकाउंट वैरिफाई थे. पुलिस ने बताया कि हिंसा फैलाने वाले ज्यादातर अकाउंट्स पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों के थे.
पुलिस ने बताया कि इन हैंडल से 15 भड़काऊ हैशटैग वायरल किए गए. हिंसा भड़काने के लिए इन भारत विरोधी ट्विटर हैंडल ने अपने नेटवर्क का जबरदस्त इस्तेमाल किया. इसके अलावा 13 हैंडल ऐसे थे जो इन हैशटैग को आगे फॉर्वर्ड कर रहे थे. किसान आंदोलन को लेकर फर्जी और भड़काऊ पोस्ट शेयर करने के आरोप में अभी तक 550 ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किए जा चुके हैं.
Source : News Nation Bureau