जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में 15 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद विधि के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित की गयी कानूनी डेस्क में कम से कम 170 छात्रों ने शिकायत दर्ज करवा कर दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने उनकी शिकायतों को सुनने से मना कर दिया. डेस्क की अध्यक्ष शर्जील अहमद ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमें अब तक छात्रों से 170 शिकायतें मिली हैं जिन्होंने घटना के दिन हिंसा और परेशानी का सामना किया.
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दिल्ली पुलिस ने सीधे तौर पर हमारी शिकायतें सुनने से इनकार कर दिया इसलिए हमने यह डेस्क बनाई है ताकि हम सारी शिकायतें एकत्रित कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में ले जा सकें और बाद में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सहायता से उन्हें अदालत में पहुंचा सकें.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें एनएचआरसी की पड़ताल के बाद न्याय नहीं मिलेगा तो वे इन शिकायतों के आधार पर पृथक जांच की मांग करेंगे.
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अहमद ने दावा किया कि जिन छात्रों ने पुलिस के अत्याचार का सामना किया और उनकी शिकायतें पुलिस स्टेशन पर स्वीकार नहीं की गईं, पुलिस ने उनका विश्वास खो दिया है. अहमद ने कहा कि छात्रों को अब एक निष्पक्ष मंच की जरूरत है जो उनकी बात सुने और न्याय दिलाने में मदद करे. कानूनी डेस्क पर एकत्रित की गयी शिकायतों का संज्ञान एनएचआरसी ने भी लिया है जिसने 15 दिसंबर को हुई हिंसा पर छात्रों का बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है.
Source : Bhasha