केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां बिजली उपभोक्ता को पहले भुगतान करना होगा और फिर उसे बिजली की मिलेगी. ऊर्जा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य समाज के कुछ वर्गों को निशुल्क बिजली दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा. सिंह ने कहा, 'यही हम करने जा रहे हैं. हम भुगतान और आपूर्ति के बीच एक संपर्क बना रहे हैं. आपको पहले भुगतान करना होगा और फिर आपको बिजली मिलेगी. निशुल्क बिजली जैसी कोई चीज नहीं है. आप बिना निवेश के बिजली का उत्पादन नहीं कर सकते हैं.
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आर के सिंह 20वें सालाना पीटीसी भारत दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिजली बनाने में लागत लगती है और किसी को इसके लिए भुगतान करना पड़ता है. अगर आप निशुल्क बिजली देना चाहते हैं तो दीजिए, लेकिन आपको (राज्यों को) इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा. यही हम करने जा रहे हैं.
दूसरी तरफ बिहार के ऊर्जा मंत्री ने भी बिजेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि राज्य की कुल बिजली आपूर्ति क्षमता वर्तमान के 10,930 मेगावाट से बढ़कर 11,346 मेगावाट हो जाएगी जिससे प्रदेश के लोगों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सके.
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बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए ऊर्जा विभाग के 88 अरब 94 करोड़ 31 लाख 85 हजार रुपये के आय-व्यय पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए बिजेंद्र ने कहा कि राज्य की कुल बिजली आपूर्ति क्षमता वर्तमान के 10,930 मेगावाट से बढ़कर 11,346 मेगावाट की जाएगी जिससे प्रदेश के लोगों को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सकेगी.
Source : Bhasha