दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2005 सीरियल बम धमाका मामले में दो आरोपियों को बरी कर दिया है। जबकि एक आरोपी तारिक अहमद डार को 10 साल की सजा सुनाई है। डार को UAPA(unlawful activities prevation act) के तहत दोषी करार दिया गया है। लेकिन तारिक इस सजा से अधिक समय तक जेल में पहले ही रह चुका है। ऐसे में उसकी सजा पूरी होने की वजह से उसे रिहा कर दिया जाएगा।
देश की राजधानी दिल्ली में 29 अक्टूबर, 2005 को दीपावली से पहले धनतेरस के मौके पर हुए सीरियल बम धमाके हुआ था। तीन जगहों पर हुए धमाकों में 60 से अधिक लोगों की जान गई थी, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे।
दीपावली से 2 दिन पहले आतंकियों ने 3 बम धमाके किए थे। 2 धमाके सरोजनी नगर और पहाड़गंज के बाजारों में किये गए थे जबकि तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक बस में हुआ था। तीनों सिलसिलेवार धमाके में 63 लोग मारे गए थे।
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पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह ने मिलकर हमले की साजिश में रची थी। पुलिस ने डार को हमले का मास्टरमाइंड बताया है जो लश्कर-ए-तैयबा का स्थानीय संचालक है।
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HIGHLIGHTS
- 2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट मामले में तारिक अमहद डार दोषी, दो बरी
- पटियाला हाउस कोर्ट ने तारिक अहमद डार को सुनाई 10 साल की सजा
- सीरियल बम ब्लास्ट में 60 से अधिक लोगों की गई थी जान
Source : News Nation Bureau