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8 वर्षों में साढ़े 22 करोड़ युवाओं ने मांगी सरकारी नौकरी, मात्र सवा 7 लाख को मिला रोजगार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ जिन मुद्दों को उछाल कर पीएम मोदी सत्ता में आए थे और देश को सब्ज बाग के सपने दिखाए थे. अब वही पीएम मोदी को भारी पड़ता दिख रहा है.

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Iftekhar Ahmed
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Saurabh Bhardwaj

8 वर्षों में साढ़े 22 करोड़ युवाओं ने मांगी सरकारी नौकरी( Photo Credit : File Photo)

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ जिन मुद्दों को उछाल कर पीएम मोदी सत्ता में आए थे और देश को सब्ज बाग के सपने दिखाए थे. अब वही पीएम मोदी को भारी पड़ता दिख रहा है. प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी अपने भाषण में जिन मुद्दों को उछालते थे, आप नेता सौरभ भारद्वाज ने उन्ही मुद्दों के आधार पर गुरुवार को पीएम मोदी पर बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि मोदी जी जब पीएम पद की तैयारी कर रहे थे, तब देश में फैली बेरोजगारी पर कांग्रेस सरकार को कोसा करते थे. सौरभ ने कहा कि तब मोदी मनमोहन सिंह सरकार के एक करोड़ रोजगार पर सवाल उठाते थे. तब वे कहा करते थे कि मोदी जी जैसे ही सत्ता में आएंगे, वे 2 करोड़ युवाओं को हर वर्ष रोजगार दिया करेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में लगाए गए सवाल का जो जवाब मिला है. वह बहुत ही परेशान करने वाले हैं.

मात्र 0.75% लोगों को ही मिल पा रही है सरकारी नौकरी
 संसद में लगाए गए सवाल का जो जवाब मिला है. इसके मुताबिक पिछले 8 साल में पीएम मोदी जी के रहते हुए 22 करोड़ 54 लाख 99 हजार 238 केंद्रीय सरकारी नौकरियों के लिए बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किए, लेकिन इस दौरान मात्र 7 लाख 22 हज़ार 312 लोगों को ही की नौकरियां मिल पाई. यानी 0.75% लोगों को ही नौकरी लगी. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 28% आबादी देश की 14 साल से कम की है. 65% आबादी 6.5 वर्ष से ऊपर हैं. यानी 50 करोड़ लोगों की बात करें तो 22 करोड़ अप्लाई कर रहे हैं, केंद्र ने लेकिन सिर्फ कुछ लाख को नौकरी दी जा रही है. लिहाजा, ये बच्चे जब बड़े होकर नौकरी मांगने के लिए आएंगे तो उनके सामने और भी अधिक विकट स्थिति होने वाली है.

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उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले आए NSSO के आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त देश में पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है. उन्होंने कहा कि तब केंद्र ने उसे unverified बताकर खारिज कर दिया था. लेकिन, ये क्या है कि जब 1 लाख लोग अप्लाई करते हैं तो मात्र 0.75 प्रतिशत को ही नौकरियां मिल पा रही है.

रेलवे में 8,72,000 पद हैं खाली
संसद में सरकार की ओर से दिए गए जवाब में जो आंकड़े दिए गए हैं, उनके मुताबिक 1,35,000 वैकेंसी आर्मी में थी. वो सपना भी युवाओं का तोड़ दिया. अब 4 साल की फौज की नौकरी मिलेगी. रेलवे के 8 लाख 72 हजार 000 खाली स्थान है, लेकिन केंद्र इसे भर नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि ये कोई मजाक नहीं है. ये संसद के आंकड़े हैं. इससे बीजेपी इनकार नहीं कर सकती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आटा, पनीर, गेहूं पर जीएसटी लगा दिया है. एक डॉलर अब 80 रु का हो गया है. कांग्रेस के वक्त ये 63 रु का था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत मनमोहन काल से कम होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

Source : Mohit Bakshi

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