केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण पर करीब से नजर रखे हुई है. अधिकारियों ने बताया कि लगभग 300 टीमें प्रदूषण को कम करने में लगी हुई हैं. इस काम के लिए जरूरी मशीनरी राज्यों में बांटी गई हैं. केंद्र सरकार की नजर मुख्य रूप से सात औद्योगिक क्षेत्रों और बड़े यातायात गलियारों पर है. प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों, कचरों को जलाए जाने और निर्माण गतिविधियों पर खासतौर से नजर रखी जा ही है.
ये भी पढ़ें- पहली लव मैरिज के बाद बीवी ने कर ली दूसरी लव मैरिज, और फिर एक दिन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा मेरठ
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर रविवार को उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए. बैठक में फैसला लिया गया कि कैबिनेट सचिव इन राज्यों के हालात की प्रतिदिन निगरानी करेंगे. इन राज्यों के मुख्य सचिवों को विभिन्न जिलों में प्रदूषण के हालात पर 24 घंटों, सातों दिन नजर रखने को कहा गया है.
ये भी पढ़ें- शादी के लिए तरस रहा है ये 34 साल का बच्चा, पूरा मामला जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के रविवार को गंभीर श्रेणी से ऊपर हो जाने के बाद दिल्ली सरकार ने नागरिकों को यथासंभव घरों के अंदर बने रहने की सलाह दी है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से जारी सलाह में कहा गया है, "घरों में बने रहे या बाहर की गतिविधियों को फिर से निर्धारित करें और सांस लेने में दिक्कत होने, चक्कर आने, खांसी, सीने में दर्द या आंखों में जलन की शिकायत होने पर पास के चिकित्सक से परामर्श लें."
Source : आईएएनएस