तीसरी कक्षा के छात्र ने गरीब बच्चों की फीस के लिए जुटाए 1.80 लाख

कक्षा 3 में पढ़ने वाले अधिराज को इसी स्कूल में पढ़ाने वाली अपनी मां से पता लगा कि बच्चों के सामने एग्जामिनेशन फीस भरने का संकट खड़ा हो गया. पहले तो अधिराज ने अपने गुल्लक से 12500 रुपये निकालकर 5 बच्चों की फीस भरी.

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Sunil Chaurasia
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अधिराज( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कोरोना काल ने लोगों की बहुत-सी परेशानियां बढ़ा रखी हैं. आम आदमी से लेकर सरकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. यही वजह है कि इस बार दिल्ली सरकार ने फण्ड की कमी का हवाला देते हुए सरकारी स्कूलों के 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों की फीस भरने में असमर्थता जता दी है, जिसके बाद हजारों गरीब बच्चों के लिए फीस भरने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में दिल्ली के बेगमपुर स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 100 बच्चों की फीस भरने का जिम्मा एक 8 साल के बच्चे ने उठाया है.

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कक्षा 3 में पढ़ने वाले अधिराज को इसी स्कूल में पढ़ाने वाली अपनी मां से पता लगा कि बच्चों के सामने एग्जामिनेशन फीस भरने का संकट खड़ा हो गया. पहले तो अधिराज ने अपने गुल्लक से 12500 रुपये निकालकर 5 बच्चों की फीस भरी. और फिर यहां से शुरू हुई बाकी बच्चों की फीस जुटाने की मुहिम. खास बात ये है कि अधिराज बाकी बच्चों की फीस जमा कराने के लिए अभी तक 1 लाख 80 हजार रुपये जुटा चुके हैं.

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अधिराज के पिता अभिषेक सिंह भी बेटे के उठाए कदम से बहुत खुश हैं और इस मुहिम में बेटे का साथ दे रहे हैं अभिषेक बताते हैं कि घर से शुरू की गई मुहिम, मोहल्ले से दफ्तर और फिर रिश्तेदारों तक पहुंची. जिसके बाद अभी तक बेगमपुर स्कूल की 12वीं क्लास में पढ़ने वाले सभी 86 बच्चों के साथ-साथ 10वीं कक्षा के 16 बच्चों के लिए भी फीस का पैसा जुटा लिया गया है.

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जिन बच्चों की मदद अधिराज ने की है, वे भी काफी खुश हैं. 11वीं क्लास में अच्छे नम्बरों से पास हुए इन बच्चों के मां-बाप आर्थिक संकट के चलते फीस न जमा कर पाने के कारण पढ़ाई छोड़ने को कह रहे थे, क्योंकि लॉकडाउन में इन लोगों की कमाई 0 हो गई थी. लेकिन एक अनजान बच्चे से मिली, इस मदद ने इन बच्चों की हिम्मत भी बढ़ा दी है. अधिराज ने साबित कर दिया कि किसी की मदद के लिए उम्र का मोहताज नहीं होना चाहिए.

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