आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिये भले ही देश के 93 फीसदी नगर पालिका क्षेत्रों में घर घर जाकर कचरा एकत्र कराने में सफलता हासिल कर ली हो लेकिन पूरे देश में अभी भी कचरा निस्तारण का स्तर 57 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया है. मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में मौजूद कुल 84 हजार से अधिक नगर पालिका वार्ड में से 79 हजार से अधिक (93 प्रतिशत) वार्ड में घर घर जाकर कचरा एकत्र किया जाने लगा है.
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कचरा निस्तारण के बारे में मंत्रालय के राज्यवार ब्योरे के मुताबिक कचरा निस्तारण में छत्तीसगढ़ सभी राज्यों से आगे है. मंत्रालय द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर पिछले सप्ताह संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिदिन 1.48 लाख टन कचरा निकलता है. इसमें से 57 प्रतिशत कचरे का निस्तारण कर इसे पुन:उपयोग या प्रसंस्कृत करने लायक बनाया जाता है. मंत्रालय ने माना कि शेष कचरा सभी शहरों में मौजूद कचरा पाटन केन्द्रों (डंपिंग ग्रांउड) में भेज दिया जाता है.
उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों में कचरा निस्तारण के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में कूड़े के लगातार ऊंचे होते पहाड़ों की वजह से वायु प्रदूषण और भूजल दूषित होने की समस्या से निपटने के लिये ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 अधिसूचित किये हैं.
इनके तहत शहरी क्षेत्रों में कचरे को एकत्र करने, पृथक करने और इसके निस्तारण के लिये स्थानीय नगर पालिकाओं की जिम्मेदारी तय की गयी है. नियमों के तहत स्थानीय निकायों को डंपिंग ग्रांउड पर भेजे जा रहे कचरे को भी पुन:उपयोग में लाने या प्रसंस्कृत करने लायक बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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कचरा निस्तारण के बारे में मंत्रालय के राज्यवार ब्योरे के मुताबिक छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक सहित 14 राज्यों के सभी नगर पालिका क्षेत्रों में घर घर जाकर कचरा एकत्र करने के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है जबकि कचरा निस्तारण में छत्तीसगढ़ सभी राज्यों से आगे है. छत्तीसगढ़ के सभी 3,217 नगर पालिका क्षेत्रों में घर घर जाकर कचरा एकत्र किया जा रहा है और प्रतिदिन कुल एकत्रित कचरे (1650 मीट्रिक टन) के 90 प्रतिशत हिस्से का निस्तारण भी कर दिया जाता है.
इसके अलावा मध्य प्रदेश में कुल 6,999 नगर पालिका क्षेत्रों में शत प्रतिशत घरों से कचरा एकत्र कर जुटाये गये 6,424 मीट्रिक टन कचरे में 84 प्रतिशत और गुजरात में 82 प्रतिशत कचरे का निस्तारण प्रतिदिन हो जाता है. आंकडों के मुताबिक जिन राज्यों से सर्वाधिक कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है उनमें इसके निस्तारण का स्तर कम है.
महाराष्ट्र में सर्वाधिक 23,450 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है और इसके 57 प्रतिशत हिस्से का ही निस्तारण हो पाता है जबकि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में प्रतिदिन 15,500 मीट्रिक टन कचरा एकत्र होता है. इसमें उत्तर प्रदेश में 58 और तमिलनाडु में 62 प्रतिशत कचरे का निस्तारण हो पा रहा है. प
श्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर मात्र नौ प्रतिशत कचरे का ही निस्तारण कर पा रहे हैं. हालांकि इस मामले में अरुणाचल प्रदेश का प्रतिशत शून्य और मेघालय का चार है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों में कचरा निस्तारण की गति धीमी है, उन्हें मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त तकनीकी एवं आर्थिक मदद देने की पहल की गयी है, जिससे 2022 तक शत प्रतिशत कचरा निस्तारण सुनिश्चित करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.
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स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत केन्द्र सरकार की ओर से ठोस कचरा प्रबंधन के लिये सभी राज्यों को 5023.96 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इसके तहत प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कर इसका इस्तेमाल सड़क निर्माण, सीमेंट उद्योग और तरल आरडीएफ तेल में बदलने वाली तकनीक भी राज्यों को मुहैया करायी जा रही है.
Source : Bhasha