आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग की सिफारिश के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट का रुख़ किया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी।
'आप' विधायक सौरभ भरद्वाज ने सदस्यता रद्द करने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'EC ने जो भी रिपोर्ट तैयार की है उसका कोई विश्वसनीय आधार नहीं है। मैं उन सभी 20 विधायकों के क्षेत्र के नागरिकों से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने कभी इन्हें सरकारी गाड़ी या घर का इस्तेमाल करते हुए देखा है। उन्हें अब तक किसी तरह की कोई सैलरी नहीं मिली है और न ही अब तक इस मामले में चुनाव आयोग के सामने कोई सुनवाई हुई है।'
सौरभ भारद्वाज ने मोदी सरकार और मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति पर निशाना साधते हुए कहा है कि सोमवार को रिटायर हो रहे चुनाव अधिकारी ‘मोदी जी का कर्ज’ उतार रहे हैं।
आप नेता ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के इशारे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश रची है।
बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने संबंधी सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी है।
संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं, यानी कि इन सभी सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
कांग्रेस द्वारा जून 2016 में की गई एक शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी राय दे दी है।
राष्ट्रपति को सिफारिश भेजे जाने की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग (ईसी) ने सफाई दी है। ईसी ने कहा, 'आम आदमी पार्टी विधायकों की सिफारिश का मामला विचाराधीन है, राष्ट्रपति को भेजी गई सिफारिश पर हम अभी कुछ भी प्रतक्रिया नहीं दे सकते।'
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Source : News Nation Bureau