म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD) के चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में लोग ये कयास लगा रहे हैं कि 2022 के चुनाव में आप जीत हासिल करेगी. क्योंकि 2021 में हुए उपचुनाव में आप सबसे आगे दिख रही है. लेकिन साल 2017 में हुए चुनाव में आप को मुंह की खानी पड़ी थी, क्योंकि उन्हें बीजेपी (Bhartiya Janata Party) के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में जहां एक तरफ दिल्ली की जनता उन्हें भर-भर के वोट डालती है और जीत दिलाती है. वहीं, दूसरी तरफ आप को हार मिलती है. जिसको देखते हुए सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एमसीडी चुनाव (MCD Elections 2022) में आप से कहां चूक हुई. क्या 2022 में होने वाले चुनाव से पहले आप (Aam Aadmi Party) ने अपनी उन गलतियों को सुधार लिया है. जिसके जरिए इस बार पार्टी जीत हासिल करेगी. आज हम इन्हीं सवालों के जवाब इस आर्टिकल में जानेंगे.
सबसे पहले आपको बता दें कि आप (Aam Aadmi Party) की हार के बाद पार्टी के कुछ नेताओं ने इस बात को माना था कि उनकी तैयारियों में कमी थी. जिसके चलते उन्हें हार मिली. लेकिन आने वाले चुनाव में वे अपनी कमजोरियों पर काम करेंगे. जिससे इस बार किसी तरह की कमी न रह जाए और जनता उन्हें वोट दे. तो चलिए जानते हैं कि एमसीडी में हार के पीछे क्या वजह रही.
जनता तक कामकाज पहुंचा पाने में पार्टी रही नाकाम
बता दें कि इस कमी को खुद आप नेता गोपाय राय (Gopal Rai) ने माना. जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 2 साल के कामकाज को जनता तक नहीं पहुंचा सकी. जिसके चलते पार्टी को एमसीडी चुनाव (MCD Elections 2022) में मुंह की खानी पड़ी.
पार्टी संगठन को मजबूत करने की जरूरत
आप (Aam Aadmi Party) के नेताओं का मानना था कि पार्टी संगठन को मजबूत करने की जरूरत है और इसी तरह वे आने वाले एमसीडी चुनाव (MCD Elections 2022) को जीत सकेंगे. उपचुनाव में आप की जीत को लेकर ऐसा लग रहा है कि इस बार पार्टी की तैयारियां मजबूत हैं.
आरोपों से परेशान हुई थी जनता
दिल्ली की आप (Aam Aadmi Party) सरकार पर लगे सेक्स सीडी कांड और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते जनता परेशान हो गई थी. ऐसे में वे इस पार्टी को चुनकर एमसीडी में जीत नहीं दिलाना चाहती थी.
ईवीएम के मुद्दे से नहीं मिला फायदा
आप (Aam Aadmi Party) ने विपक्ष के खिलाफ ईवीएम का मुद्दा उठाया था. हालांकि, लोगों का मानना था कि एमसीडी चुनाव में ईवीएम के मुद्दे को ज्यादा तूल दिया गया. जिसके चलते पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा.
अन्ना हजारे की न सुनना
आप नेता गोपाल राय (Gopal Rai) के मुताबिक, 2017 में हुए एमसीडी के चुनाव में अन्ना हजारे (Anna Hazare) को पार्टी का दुश्मन बनाने की कोशिश की गई थी. वे हर चीज को काफी संजीदगी से लेते हैं. ऐसे में पार्टी को अन्ना के मार्गदर्शन पर चलना चाहिए.