दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 9 अन्य MLA को आरोप मुक्त किया. हालांकि कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया. इन दोनों को मुकदमे का सामना करना होगा. 20-21 फरवरी की मध्य रात्रि को तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर AAP विधायकों ने उनके साथ मारपीट की थी. कोर्ट के फैसले के आने के बाद मनीष सिसोदिया ने प्रेस-कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने सारे आरोपों को झूठा बताया. साथ ही पीएम मोदी और बीजेपी को सीएम केजरीवाल से माफी मांगने की सलाह भी दे डाली.
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मनीष सिसोदिया ने की प्रेस कांफ्रेंस, कही ये बातें
अदालत ने आज साफ कर दिया कि सारे आरोप झूठे थे और केजरीवाल को अदालत ने बरी कर दिया. ये एक साजिश थी. दिल्ली पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया. उसके बाद घर और मुख्यमंत्री के दफ्तर पे छापे मारे गए. सीएम अरविंद के केजरीवाल के खिलाफ CS असॉल्ट केस में साजिश रची थी. अदालत ने कह दिया सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे थे. हम पहले दिन से कह रहे थे ये आरोप झूठे हैं. षड्यंत्र रचा गया है. देश के पीएम मोदी और बीजेपी के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने ये षड्यंत्र रचा. झूठा मुकदमा रचा गया. आज अदालत ने आरोप तय करने से भी इंकार कर दिया. आज पूरे देश मे अरविंद केजरीवाल सबसे लोकप्रिय सीएम है. इसी लोकप्रियता से घबराकर ही मोदी जी और बीजेपी ने ये साजिश रची. हमने देखा कि कैसे पुलिस उनके बेडरूम तक घुस आई थी. आज सत्यमेव जयते का दिन है. न्यायपालिका के प्रति आभार. आज न्यायपालिका में विश्वास और बढ़ गया है. मोदी और बीजेपी को सीएम केजरीवाल से माफी मांगनी चाहिए. विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को सरकार चलाने दीजिये. आप उनकी सरकारों को गिराने में लगे रहते हैं.
HIGHLIGHTS
- अंशु प्रकाश मामले में AAP कार्यकर्ताओं को कोर्ट ने किया आरोप
- सीएम केजरीवाल व मनीष सिसोदिया पर भी था आरोप
- मनीष सिसोदिया ने की प्रेस कांफ्रेंस, दी सफाई