Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं, इस जहरीली हवा में सांस लेने से लोगों को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की सेहत पर इसका असर देखा जा रहा है. दिल्ली में AQI 350 से ज्यादा पहुंच चुका है. प्रदेश में GRAP 2 लागू किया जा रहा है. बावजूद इसके अब तक हवा की क्वालिटी में किसी प्रकार की सुधार नजर नहीं आ रही है. इसे देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र लिखा है.
गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
गोपाल राय ने वायु प्रदूषण को देखते हुए कई चिंताओं का जिक्र करते हुए लिखा कि दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु की गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है. खासकर दिवाली के आसपास वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. जिसे देखते हुए क्लाउड सीडिंग को ही एमरजेंसी उपाय माना जाता है.
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बढ़ेत प्रदूषण पर जताई चिंता
दिल्ली में AQI 350 के पार पहुंच चुका है और हम पहले से ही ग्रैप 2 की श्रेणी लागू कर चुके हैं. हमने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पहले ही शीतकानली कार्य परियोजना भी लागू कर दिया है. हम पिछले 25 सितंबर से वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न तरह के उपाय कर रहे हैं, बावजूद इसके आज वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर हो चुकी है.
कृत्रिम बारिश की मांग
क्लाउट सीडिंग से कृत्रिम बारिश कराई जाती है जिसके प्रदूषण से तुरंत राहत मिलती है. कृत्रिम बारिश से वातावरण में मौजूद प्रदूषक धूल जाता है. पहले भी दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए आपतकालीन उपाय के रूप में कृत्रिम बारिश करवा चुकी है, लेकिन इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार समेत कई एजेंसियों से अनुमति मिलना जरूरी है.
आपतकालनी बैठक की उठाई मांग
अगर कृत्रिम बारिश नहीं कराई जाती है तो नवंबर में स्थिति और भी खराब हो सकी है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, दिल्ली सरकार, डीजीसीए, एमएचए, रक्षा मंत्रालय, सीपीसीबी, आईएमडी समेत अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आपतकालीन बैठक की मांग की है. आखिर में गोपाल राय ने लिखा कि आईआईटी कानपुर द्वारा किए गए प्रेजेंटेशन की एक प्रति अवलोकनार्थ संलग्न है.