54वें जीएसटी काउंसिल बैठक में केजरीवाल सरकार के विरोध के बाद अब रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा. आम आदमी पार्टी की दिल्ली व पंजाब सरकार के जीएसटी काउंसिल में विरोध पर केंद्र सरकार रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए राज़ी हो गई है. इस बाबत साझा करते हुए वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, जीएसटी काउंसिल ने रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी ना लगाने का फ़ैसला लिया है. यह देश के विकास के लिए एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के रिसर्च ग्रांट पर टैक्स लगना टैक्स टेररिज्म के समान है. लेकिन आम आदमी पार्टी के विरोध के बाद रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से बाहर करने का फ़ैसला रिसर्च के ज़रिए देश की तरक़्क़ी में योगदान देने वाले हमारे शैक्षिक संस्थाओं के लिए बहुत बड़ा फ़ैसला साबित होगा.
वित्त मंत्री आतिशी ने किया ट्वीट
वित्त मंत्री आतिशी ने ट्वीट करते हुए भी कहा कि, आम आदमी पार्टी ने लगातार रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी का विरोध किया. आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में दिल्ली और पंजाब सरकार ने इस मुद्दे को उठाया कि शिक्षण संस्थानों को मिली रिसर्च ग्रांट - चाहे वो सरकारी ग्रांट हो या प्राइवेट - पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए. मुझे ख़ुशी है कि आज जीएसटी काउंसिल ने रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी ना लगाने का फ़ैसला लिया है. यह देश के विकास के लिए एक बड़ा कदम है. वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि आज जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में दिल्ली और पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने शैक्षिक संस्थानों को मिलने वाले रिसर्च ग्रांट पर लगने वाले जीएसटी का पुरज़ोर विरोध किया.
क्या था रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी का मुद्दा
बता दे कि शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले प्राइवेट रिसर्च ग्रांट पर केंद्र सरकार 18% जीएसटी लेती है. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देश के 6 बड़े शिक्षण संस्थानों को रिसर्च ग्रांट पर 220 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा था. दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है जो रिसर्च पर जीएसटी लगाती है. ऐसे में आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब सरकार ने इसका पुरज़ोर विरोध किया और नतीजतन आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार ने रिसर्च ग्रांट को जीएसटी के दायरे से हटाने का फ़ैसला लिया है.