उपराज्यपाल की ओर से सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड की एक बैठक लेने के बाद दिल्ली सरकार के तेवर तल्ख हो गए हैं और उन्होंने उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के विभागों में हस्तक्षेप ना करने की हिदायत दी है. इसके बाद दिल्ली में 1 बार फिर उपराज्यपाल vs दिल्ली सरकार जैसी स्थिति बनती दिख रही है. आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने कहा कि हमारा उपराज्यपाल से विनम्र निवेदन है कि दिल्ली में बहुत स्पष्ट संवैधानिक व्यवस्था है. जो कहती है कि केंद्र सरकार के नुमाइंदे के अंतर्गत लैंड, लॉ & आर्डर व पुलिस आती है तो अभी एमसीडी भी केंद्र के अंदर है और एमसीडी भी उनके कार्यक्षेत्र में आती है. लेकिन बाकी सब विभाग दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अंतर्गत आती है और यह व्यवस्था संविधान में लिखी है.
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने भी यही बात पर मोहर लगाई, इसलिए इस संवैधानिक व्यवस्था में खलल ना डालें. अगर उपराज्यपाल साहब इस तरह से अफसरों को आदेश देंगे तो फिर एक आदेश में चुनी हुई सरकार से मिलेगा और एक आदेश उपराज्यपाल से. इससे दिल्ली वालों को परेशानी होगी. LG के अंतर्गत बहुत बड़ी बड़ी समस्याएं जैसे सुरक्षा, सफाई कूड़े के पहाड़ आती है, इन्हें सुलझाए तो दिल्ली वालों का भला होगा.
उन्होंने आगे कहा कि जब एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल चुनी सरकार के अंतर्गत आते हैं तो प्रोटोकोल कहता है कि उपराज्यपाल किसी भी मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री से चर्चा करें. फिर मुख्यमंत्री जिस अफसर या मंत्री को साथ लेकर आना चाहें तो लेकर आए जब मिलजुल कर इन विषयों पर चर्चा होगी तो समस्या सुलझेगी.
आतिशी ने कहा कि हम तो उपराज्यपाल से सिर्फ विनम्र निवेदन कर रहे हैं कि दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था जो बहुत स्पष्ट है तो आप सुरक्षा व्यवस्था पुलिस की व्यवस्था कूड़े के पहाड़ इन तमाम व्यवस्थाओं को सुधारिये. हो सकता है उपराज्यपाल नए हैं और दिल्ली के संवैधानिक व्यवस्था किस प्रकार से है यह इतना जानते हो इसलिए हम उनसे अभी आग्रह कर रहे हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि उपराज्यपाल भी दिल्ली वालों के लिए काम करना चाहते हैं, हम भी दिल्ली वालों के लिए काम करना चाहते हैं तो जो संवैधानिक व्यवस्था है उसके तहत ही वे काम करेंगे.
Source : Mohit Bakshi