Advertisment

आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने फेसबुक पर उठाए सवाल, कहा- आरोप निराधार नहीं

चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा, कई सारे सबूत इस कमेटी के सामने पेश किए गए. यह कमेटी अपनी पिछली बैठक में इस नतीजे पर पहुंची थी कि फेसबुक के उपर कई सारे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

author-image
Ravindra Singh
New Update
raghav chadha

राघव चड्ढा( Photo Credit : फाइल )

Advertisment

दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति को लगता है कि फेसबुक इंडिया जानबूझकर कानूनी प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर रहा है. फेसबुक अपने ऊपर पर लगे गंभीर आरोपों की वास्तविकता का पता लगाने में सहयोग नहीं कर रहा है. समिति के मुताबिक फेसबुक भाग रहा है और उस पर लगे आरोप निराधार नहीं है. राघव चड्ढा ने कहा, भारत के संविधान से प्राप्त विशेष शक्तियों और विशेषाधिकारों का प्रयोग करते हुए समिति ने फेसबुक इंडिया के अधिकारी को समिति के सामने पेश होने का एक और अवसर प्रदान करने का फैसला लिया है. इसके बाद भी वो उपस्थित नहीं होते हैं, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा, कई सारे सबूत इस कमेटी के सामने पेश किए गए. यह कमेटी अपनी पिछली बैठक में इस नतीजे पर पहुंची थी कि फेसबुक के उपर कई सारे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसी साल फरवरी महीने में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे में फेसबुक की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए. कुछ सबूत ऐसे रखे गए, जिसमें नजर आया कि फेसबुक ने दंगा शांत कराना तो दूर, दंगा भड़काने का काम किया. उसी के चलते कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि इतने दिनों की कार्रवाई के बाद यह बहुत जरूरी हो जाता है कि फेसबुक इंडिया के आला अधिकारियों को इस कमेटी के सामने आकर अपना बयान दर्ज कराने और उनपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाया जाए.

शांति एवं सद्भाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा ने कहा, मोटे तौर पर उन्होंने इस कमिटी को यह हिदायत दी है कि हम इस नोटिस को वापस ले लें. यह विषय संसद की इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी समिति के सामने विचाराधीन है और फेसबुक के आला अधिकारी वहां पेश हुए, तो हमें इस मसले में नहीं घुसना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहने का प्रयास किया है कि क्योंकि यह कानून व्यवस्था से संबंधित मसला है. आईटी एक्ट संसद द्वारा पारित कानून है, उससे संबंधित मसला है, तो हमें इस विषय में नहीं पड़ना चाहिए.

राघव चड्ढा ने कहा, "इस प्रकार से इस कमेटी के नोटिस का तौहीन करना और कमेटी के सामने पेश होने से इनकार कर देना, यह सीधे तौर पर दिल्ली विधानसभा की तौहीन है और दिल्ली विधानसभा को कौन चुनता है. इसमें कौन लोग बैठते हैं. यह दिल्ली का मतदाता तय करता है. इस कमेटी का अपमान करना, दिल्ली के दो करोड़ आबादी वाले राज्य के लोगों का विरोध है. मैं यह समझता हूं कि जो फेसबुक इंडिया के वकील हैं या जो उनके कानून के जानकार है, उन्होंने इन्हें बहुत गलत सलाह दी है."

राघव चड्ढा ने कहा, "कोई भी विषय पार्लियामेंट्री कमेटी के अधीन हो, तो इसका यह मतलब नहीं कि दिल्ली विधानसभा उस विषय पर चर्चा नहीं कर सकती है. हमारा देश एक संघीय ढांचा है. जिसमें संसद अपने विषय पर चर्चा करता है और राज्य विधानसभा अलग विषयों पर चर्चा करती है. एक समय में एक ही मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं."

Source : News Nation Bureau

AAP MLA Facebook फेसबुक राघव चड्ढा Raghav Chaddha Facebook India आप विधायक राघव चड्ढा ने उठाए फेसबुक पर सवाल
Advertisment
Advertisment