आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाया है. AAP नेता आतिशी ने कहा कि, 15 साल से निगम में BJPहै, उन्होंने जो भ्रष्टाचार किया है इसके बारे में बच्चा बच्चा जानता है. आम जनता को लगता है कि MCD का फुल फॉर्म है मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट. 15 साल में पार्षदों की गाड़ियां बड़ी हो गईं, मकान कोठी में बदल गए, लेकिन जब कर्मचारियों को तनख्वाह देने की बात आती है, MCD कहती है कि पैसे नहीं हैं. 2010-11 में एमसीडी को 1465 करोड़ दिल्ली सरकार से मिले थे 2015-16 में यह बढ़कर 5908 करोड़ हो गया, जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 6172 करोड़ तक पहुंच गया. इसके अलावा कई करोड़ के लोन भी दिए. लेकिन ये पैसे भ्रष्टाचार में चले जाते हैं. रानी झांसी फ्लाईओवर का मामला हो या प्रॉपर्टी टैक्स स्कैम या समय पर डेंगू दवाई न खरीदने का, MCD के भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त है.
दिल्ली सरकार द्वारा दिया गया सब पैसा खाने के बाद अब MCD प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है. लोगों पर बोझ और बढ़ेगा लेकिन सफाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी एमसीडी की सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं होने वाला. आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करती है.
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, जब एमसीडी का यूनिफिकेशन हुआ, तो दिल्ली वालों को यह कहकर धोखा दिया गया कि केंद्र से एमसीडी के लिए पैसा आएगा. लेकिन यह पैसा दिल्ली वालों के खून पसीने की कमाई से जोड़कर निकाला जाएगा. MCD अधिकारियों ने नया प्रॉपर्टी टैक्स स्ट्रक्चर एलजी को सौंपा है. इसके अलावा, 1 परसेंट एजूकेशन सेस भी वसूला जाएगा. ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली के लोगों के लिए जोड़ा गया है.
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अब कहा जा रहा है कि RWA अपने एरिया का टैक्स वसूलेगी, और उसका 10 परसेंट उस RWA में खर्च किया जाएगा. लेकिन इसपर 1 लाख तक का कैप लगा दिया गया है. एक छोटी सड़क या नाला भी करोड़ों में बनता है. उपराज्यपाल को एमसीडी के अधिकारी ग़ुमराह कर रहे हैं. ट्विटर पर आज से 3 दिन पहले लोगों से सुझाव मांगे गए थे, लेकिन इसका खाका 4 जुलाई की मीटिंग में ही MCD के अधिकारी तय कर चुके थे.