आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की और उन्होंने दिल्ली की झुग्गियों में रह रहे लोगों को केंद्र सरकार की ओर से बेघर करने की रची जा रही साजिश का खुलासा किया. इस दौरान "आप" की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा दिल्ली में हर चुनाव से पहले विज्ञापन निकालती है और झुग्गी वालों से फॉर्म भरवा कर कहती है कि उनको इन झुग्गियों की जगह मकान देंगे. एमसीडी चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने कालकाजी के झुग्गी वालों को 500 मकान दिए थे और अखबारों में फुल पेज का एक विज्ञापन निकालकर वादा किया कि हर किसी को उनकी झुग्गियों के बदले 5 किलोमीटर के दायरे में पक्का मकान दिया जाएगा. लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस बीते वर्ष जनवरी से आने लगे. यहां करीब 15 हजार लोग रहते हैं. भाजपा चुनाव से पहले जहां झुग्गी, वहां मकान देने का वादा करती है और चुनाव के बाद कहती है कि हमें झुग्गीवाले पसंद नहीं हैं. हम झुग्गी तोड़ डालेंगे और उनको फुटपाथ पर ले आएंगे.
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सुनियोजित ढंग से एक साजिश रच रही केंद्र सरकार
वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा कहती है कि झुग्गी वालों को 50 किलोमीटर दूर नरेला में फेंक देंगे, जहां स्कूल, नौकरियों और आवागमन के लिए कोई साधन नहीं है. ऐसा बीते कई वर्ष से दिल्ली में चल रहा है. बीजेपी शासित केंद्र सरकार अब दिल्ली से झुग्गियों को साफ करने की सुनियोजित ढंग से एक साजिश रच रही है. इसको लेकर 9 नवंबर को पीएम कार्यालय में एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग को प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने लिया. इसमें दिल्ली की सभी लैंड जमीन मालिक एजेंसी जैसे एमसीडी, डीडीए, रेलवे, एलएंडडीओ के सभी अधिकारियों को बुलाया गया और आदेश दिया गया कि दिल्ली में पूरी तरह से झुग्गियों को साफ करना है. किसी भी जमीन पर झुग्गी नहीं रहनी चाहिए. झुग्गी वालों को पूरी तरह से साफ कर देना है. बुलडोजर की भी जरूरत पड़े तो इन झुग्गियों को हटाना है.
ग्रेप के नियमों को अनदेखी कर ध्वस्त किया
उन्होंने कहा कि ये बस एक-दो झुग्गियों की बात नहीं है. पूरे दिल्ली में सुनियोजित ढंग से झुग्गियों को हटाकर वहां रहने वाले लोगों को सड़क पर लाने की योजना बनाई गई है. इस काम को करने के लिए उन्होंने मानवता को भी ताक पर रख दिया है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एलएंडडीओ एजेंसियों ने नवंबर 2023 में डीपीएस मथुरा रोड के ठीक पीछे सुंदर नगरी की झुग्गियों को ग्रेप के नियमों को अनदेखी कर ध्वस्त किया. आखिर झुग्गियों को तोड़ने के लिए साजिश क्यों रची जा रही है? जी-20 समिट में इन झुग्गियों को हरे कपड़े से छिपाया गया था. लेकिन जब तक दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी है, तब तक झुग्गीवासियों के अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे. फिर चाहे कोर्ट जाना पड़े या फिर सड़क से लेकर संसद तक ही क्यों न जाना पड़े, लेकिन दिल्ली में एक भी झुग्गी को तोड़ने नहीं देंगे. ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया जाएगा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार इस ठिठुरती ठंड में झुग्गीवालों को सड़क पर न ले आए और उनके घर न उजाड़े.
जब तक लोगों का पुनर्वास नहीं होगा, उनको उजाड़ा नहीं जा सकता है- सौरभ भारद्वाज
वहीं, "आप" के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि देश के हर बड़े शहर दिल्ली, मुंबई या कोलकाता में अलग-अलग जगहों पर जेजे कलस्टर मौजूद हैं. जेजे कलस्टर समाज की सच्चाई की तरह हैं. मिडिल, अपर मिडिल क्लास वाले लोगों के घरों में साफ-सफाई करने वाली मेड, बच्चों की देखभाल करने वाली आया, ड्राइवर, कपड़े प्रेस करने वाला धोबी, चौकीदार, सब्जीवाला, फलवाला इन झुग्गी कलस्टर में रहते हैं. इन लोगों को यहां रहना अच्छा नहीं लगता, लेकिन मजबूरी है. वहीं, सरकार की झुग्गियों को हटाने के लिए एक खास तरह की पॉलिसी होती है. इस पॉलिसी के तहत लैंड ऑनिंग एजेंसी झुग्गी में रहने वाले लोगों के लिए वहां पर छोटे फ्लैट बनाकर देती है. ऐसा देश के कई इलाकों समेत विदेशों में भी होता है. केंद्र सरकार की जमीन पर लोगों को पुर्नवास करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार व डीडीए की होती है. वहीं, दिल्ली सरकार की जमीन में लोगों को पुर्नवास करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार या डूसिब (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) की है. लेकिन बीते डेढ़-दो सालों में जिन झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है, उनमें से अधिकतर केंद्र सरकार की जमीन पर बनी हुई हैं.
लोगों को कड़कती ठंड में उजाड़ा जा रहा: सौरभ भारद्वाज
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लोगों को कड़कती ठंड में उजाड़ा जा रहा है. एक ओर भाजपा कहती है कि रैनबसेरों में इतने बेसहारा लोग क्यों हैं. वहीं सच्चाई यह है कि ये बेसहारा लोग वह हैं, जिनको बीते कुछ सालों में बेघर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में झुग्गियां उजाड़ने को लेकर अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि कुछ तो रहम करो. इन झुग्गी वालों का पहले पुनर्वास करो. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधासभा क्षेत्र सरोजनी नगर में भी केंद्र सरकार गरीब लोगों को उजाड़ने के लिए लगी हुई है.
सवाल यह खड़ा होता है कि केंद्र सरकार ऐसे गैरकानूनी काम किस तरह से कर सकती है. ये देश का कानून है कि जब तक लोगों का पुनर्वास नहीं होगा, उनको उजाड़ा नहीं जा सकता है. जी-20 के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के आदेश के बाजवूद धौलाकुंआ की झुग्गियों को उजाड़ दिया गया, वहां रहने वाले लोगों को बेघर कर दिया गया. महरौली के गौसिया कॉलोनी में केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए ने हजारों लोगों को उजाड़ दिया. जबकि, यहां के लोगों को कोर्ट से स्टे मिला हुआ था और ये नोटिफाई कलस्टर है. ये कॉलोनी काफी पुरानी और पुनर्वास के लिए पात्र है. ऐसे में यहां के लोगों को जब तक मकान नहीं दिया जाता, तब तक इस कॉलोनी को उजाड़ा नहीं जा सकता है.
ऑर्कियोलॉजी विभाग ने करीब ढाई लाख लोगों को उजाड़ दिया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुगलकाबाद में केंद्र सरकार के ऑर्कियोलॉजी विभाग ने करीब ढाई लाख लोगों को उजाड़ दिया. जबकि, इससे पहले कोर्ट में इन लोगों ने कहा था कि इनका पुनर्वास किया जाएगा. अब ये ढाई लाख लोग उजड़ने के बाद कहां गए होंगे. जो इंसान नौकरी करता है. उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जवान बेटियां हैं, वह अपने परिवार के साथ रैन बसेरे में रहने तो नहीं जाएगा. हर जगह कोर्ट में डीडीए यह कहता है कि उजड़े लोगों को डूसिब रैन बसेरे में ले जाएगा. ये कैसे संभव है. केंद्र सरकार षडयंत्र के तहत इन लोगों को उजाड़ रही है.
फिर भी झुग्गी को उजाड़ने की कोशिश जारी
"आप" के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूरी बेइमानी और धोखेबाजी करने के बाद सुंदर नगरी में नर्सरी के पीछे के कलस्टर को उजाड़ा गया. ऊपर से दबाव की वजह से अधिकारियों व वकीलों की मिलीभगत से ये काम किया गया. जबकि, ये नोटिफाइड कलस्टर था, उसको पुनर्वास किए जाने तक उजाड़ा नहीं जा सकता था. इसके बावजूद केंद्र सरकार की एलएंडडीओ ने इस कलस्टर को उजाड़ दिया. बीते महीने नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के सफदरजंग रेलवे के पास झुग्गियों को केंद्र सरकार के रेलवे ने उजाड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने डिमोलिशन ड्राइव शुरू कर दी. जब, झुग्गी में रहने वाले लोग कोर्ट गए तो उनको स्टे मिला, फिर भी झुग्गी को उजाड़ने की कोशिश जारी रही. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद वहां पहुंचे, तब जाकर डिमोलिशन का कार्य रुका.
Source : News Nation Bureau