आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्यसभा में एनजेएसी विधेयक का जमकर विरोध किया. संसद सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (MP Raghav Chadha) ने पार्टी की ओर से विधेयक के खिलाफ पुरजोर विरोध दर्ज कराया. उन्होंने उच्च सदन में न्यायिक नियुक्तियों पर राज्यसभा के सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य (Vikas Ranjan Bhattacharya) के निजी सदस्य विधेयक का विरोध किया. आपको बता दें कि विकास रंजन भट्टाचार्य की ओर पेश विधेयक का लक्ष्य उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए लोगों की सिफारिश करने को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को नियंत्रित करना था.
इस पर राघव चड्ढा ने कहा कि देश में एकमात्र न्यायपालिका स्वतंत्र संस्था बची है, उस पर राजनीतिक प्रभाव की मंजूरी देना हानिकारक होगा. न्यायाधीशों की नियुक्ति में सुचारू रूप से कॉलेजियम प्रणाली काम कर रही है, जिसमें सुधार हो सकता है. ये सुधार भी न्यायपालिका के साथ संवाद और चर्चा के बाद ही किया जा सकता है, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप ठीक नहीं है. किसी भी तरह से इसे नियंत्रित करने की अनुमति केंद्र को नहीं मिलनी चाहिए.
राघव चड्ढा ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि एनजेएसी का कॉन्सेपट तीन बार सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन लाया गया. NJAC का कॉन्सेपट इससे पहले 1993 में पहली बार, 1998 में दूसरी बार और 2016 में तीसरी बार लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों बार न्यायपालिका की स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी और इस विचार को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बिल का मैं विरोध करता हूं.
AAP सांसद ने माननीय सदस्यों को कहा कि केंद्र को ऐसा कोई भी अधिकार हमें नहीं देना चाहिए, जिससे वे न्यायाधीशों की नियुक्ति और न्यायपालिका में हस्तक्षेप कर सकें. जिस तरह से CBI और ED के डायरेक्टर्स की नियुक्ति होती है, उसी तरह यह जजों की नियुक्ति में भी घुसना चाहते हैं.
Source : News Nation Bureau