Uniforme Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर देशभर में चर्चा जोरों पर है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश में यूसीसी पर दिए बयान के बाद से ही इस मुद्दे पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में राजनीतिक दल भी शामिल हैं जो अपनी-अपनी विचारधाराओं के आधार पर यूसीसी को जोड़कर देख रहे हैं. खास बात यह है कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का रुख भी सामने आया है. आम आदमी पार्टी की दो राज्यों में सरकार है. एक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और दूसरा पंजाब. आइए जानते हैं समान नागरिक संहिता को लेकर क्या है आप का रुख.
यूसीसी को AAP का समर्थन
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना समर्थन जाहिर किया है. यूसीसी को लेकर आप भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी नजर आई है. इसको लेकर बकायदा बुधवार को आप ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है.
पंजाब के राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक के मुताबिक यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर सैद्धांतिक तौर पर केंद्र सरकार के साथ हैं. उन्होंने कहा ये कोई नया मसला नहीं बल्कि संविधान भी यही कहता है कि देश में समान नागरिक संहिता ही होनी चाहिए. इसको लेकर बकायदा अनुच्छेद 44 से रुख स्पष्ट होता है.
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विपक्ष में दरार का संकेत
आम आदमी पार्टी ने यूसीसी पर अपने रुख को स्पष्ट तो कर ही दिया है, लेकिन उनके इस समर्थन से विपक्ष की एकजा को बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर बीजेपी के साथ खड़ी नजर आ रही है.
कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी ने किया विरोध
बता दें कि यूसीसी को लेकर जहां आम आदमी पार्टी समर्थन करती नजर आ रही है. वहीं इसको लेकर अन्य राजनीतिक दलों ने पहले ही एतराज जताया है. इसमें कांग्रेस, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि ये देश से जरूरी मुद्दों को हटाने की कोशिश है जबकि डीएमके के कहना है कि यूसीसी पहले हिंदू धर्म में लागू किया जाना चाहिए. इसी तरह टीएमसी भी इसे लागू करने के पक्ष में नहीं है.
HIGHLIGHTS
- यूसीसी को लेकर देशभर में जोरों पर चर्चा
- बीजेपी के साथ खड़ी नजर आई AAP
- सैद्धांतिक रूप से किया यूसीसी का समर्थन
Source : News Nation Bureau