Women's Reservation Bill को लेकर आप ने कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार को महिलाओं की कोई फिक्र नहीं है. केजरीवाल सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी ने पार्टी की ओर से प्रेसवार्ता करते हुए कहा,'विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होने वाले हैं. ऐसे में दिखता है कि सत्तापक्ष को महिलाओं के कल्याण में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं है.' उन्होंने दावा किया कि यह महिला आरक्षण विधेयक नहीं, बल्कि महिलाओं को मूर्ख बनाने वाला बिल है.
आपको बता दें कि मंगलवार को सरकार की ओर से केंद्रीय कानून मत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के निचले सदन राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को लेकर एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने को लेकर 'नारी शक्ति वंदन' विधेयक लोकसभा में पेश किया.
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क्या मांग की?
आतिशी ने प्रेसवार्ता में कहा कि उनकी मांग है कि महिला आरक्षण बिल से परिसीमन, जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाना चाहिए. इसेक साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में इस आरक्षण को लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को इसमें क्यों शामिल किया गया है? इसे हटाना चाहिए. इसका अर्थ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस बिल को लागू नहीं किया जा सकेगा.
मंत्री आतिशी ने कहा कि जनगणना होने में कम से कम एक साल लेंगे. इसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया आरंभ होगी. एमसीडी में परिसीमन करने में छह माह लग जाते हैं. वहीं पूरे देश में तो दो साल का समय लग जाएगा.
क्या बोले राघव चड्डा?
इस दौरान आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बिल को लेकर कई प्रश्न उठाए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा 'विधेयक के क्लॉज 5 के अनुसार, परिसीमन और जनगणना के बाद ही इसका क्रियान्यवयन हो सकेगा.' उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई आरक्षण नहीं है. देश और महिला को जनगणना और परिसीमन को लेकर वेट करना होगा. इस बिल को लागू करने के फ्रेम के बिना ही तैयार किया गया. चड्ढा के अनुसार, पार्टी चाहती है कि बिना किसी देरी के महिला आरक्षण को तुरंत लागू किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होने वाले हैं: AAP
- सत्तापक्ष को महिलाओं के कल्याण में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं: AAP
- महिला आरक्षण बिल से परिसीमन, जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाना चाहिए : AAP