AIIMS News: देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने नियमों में बदलाव किया है. आदेश के अनुसार, अब एक मरीज के साथ केवल एक अटेंडर ही साथ होगा. ऐसा एम्स ने परसिर में बेवजह भीड़ को देखते हुए लिया है. एम्स प्रशासन की ओर से जारी आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने की हिदायत दी गई है. एम्स प्रशासन के जारी आदेश में कहा गया है कि एक मरीज के साथ केवल एक अटेंडर को ही एंट्री मिलेगी. ऐसा पाया गया है कि जब भी मरीज ओपीडी/लैब में आते हैं या एम्स के वार्डों और विभागों में इलाज के लिए आते हैं तो उनके साथ एक या एक से ज्यादा अटेंडर होते हैं. इससे अनावश्यक भीड़ आती है. इसके परिणाम स्वरूप यहां पर भीड़ ज्यादा हो जाती है. इससे इलाज और सुरक्षा में समस्या आती है. इनके प्रबंधन को लेकर अस्पताल प्रशसान ने ये निर्णय लिया है. इसे देखते हुए मरीजों को यह सुझाव दिया गया है कि वह अपने साथ मात्र एक अटेंडर लेकर आए.
हालांकि आदेश में कुछ मरीजों को छूट दी गई है. विकलांग,वरिष्ठ नागरिक और छोटे बच्चों को एक से ज्यादा अटेंडर रखने की इजाजत दी है. इसके पीछे व्यवहारिक पक्ष की दलील है कि इन हालात में मरीज को संभालना काफी कठिन है.
रिश्तेदारों से मिलने का समय तय किया
अभी तक एम्स में मरीजों से मिलने का समय तय नहीं है. अब इसका सख्ती से पालन किया जाएगा. मेडिकल सुप्रीटेंडेंट की आरे से जारी निर्देश में रिश्तेदारों से मिलने का समय तय कर दिया गया है. रिश्तेदार और आगंतुकों के लिए विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों से मिलने का समय शाम के चार बजे से छह बजे तक रखा गया है. अन्य समय पर आम मरीजों से नहीं मिल सकते हैं.
ओपीडी में लगभग 12000 से 15000 मरीज
एक अनुमान के अनुसार, एम्स में हर रोज ओपीडी में लगभग 12000 से 15000 मरीज आते हैं. हर मरीज के साथ औसतन दो अटेंडर होते हैं. इस वजह से बिन किसी कारण के ओपीडी और वार्ड में भीड़ ज्यादा होने लगती है. एम्स में 50 हजार से ज्यादा लोग किसी ना किसी कारण के आते हैं. इसे ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है.
Source : News Nation Bureau