दिल्ली NCR में जहरीली हुई हवा, कई जगहों पर AQI 500 के पार

दिल्ली और आसपास के इलाके में हवा जहरीली हो गई है. जिससे लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता (AQI) खराब हुई है.

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Satyam Dubey
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air pollution ( Photo Credit : NewsNation)

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दिवाली (Diwali) के महापर्व पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) और आसपास के इलाके में वायु गुणवत्ता (Air Quality) काफी खराब हो गया है. वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली के अलग-अलग जगहों की बात करें तो पूसा में वायु गुणवत्ता 500 के पार पहुंच गया. इसके साथ ही मंदिर मार्ग, आनंद विहार, सोनिया विहार और शाहदरा समेत कई इलाकों में वायु गुणवत्ता 400 के उपर चला गया है. वहीं दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में भी हवा जहरीली हो गई है. गाजियाबाद के वसुंधरा में 350 पहुंच गया. जबकि नोएडा के सेक्‍टर 116 में 498 और सेक्‍टर 1 में यह 525 के पार चला गया है.

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आपको बता दें कि वायु मानक संस्था सफर ने जानकारी दी है कि, दिल्‍ली की ओवरआल वायु गुणवत्ता 339 है, जिसको बेहद खराब श्रेणी में माना जाता है. अगर वायु गुणवत्ता के पैमाने को देखें तो 0 से 50 के बीच वायु गुणवत्ता अच्छा माना जाता है. वहीं 51 से 100 के बीच वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्थिति में माना जाता है. 101 से 200 के बीच मध्यम स्थिति में माना जाता है. जब वायु गुणवत्ता 201 से 300 के बीच पहुंच जाता है तो खराब स्थिति में आ जाता है, और जब  301 से 400 के बीच पहुंच जाता है तो बहुत खराब स्थिति में हो जाता है. जब इससे भी उपर यानि 401 से 500 के बीच पहुंच जाता है तो बेहद गंभीर हो जाता है. 

सफर ने पहले ही जानकारी दे दी थी कि अगले 24 घंटे के भीतर पराली जलने, पटाखा चलने और हवा की दिशा का रुख बदलने समेत अन्य मौसमी गतिविधियों के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा, जो कि 500 से ज्‍यादा हो सकता है. अब दोपहर में ही दिल्‍ली एनसीआर (Delhi NCR) में हालात खराब हो गए हैं. आपको बता दें कि सफर का अनुमान है कि आतिशबाजी नहीं होने के बाद भी हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंचेगी. वहीं, पिछले वर्षों के मुकाबले यदि सिर्फ 50 फीसदी ही पटाखों का इस्तेमाल होता है तो भी हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएगी. 

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इस साल दिल्ली में पटाखों पर बैन है. पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हवा जहरीली हो रही है. पिछले 24 घंटो में पराली जलाने के 3271 मामले दर्ज किए गए. पराली जलने से हवा आठ फीसदी पहले से ज्यादा जहरीली हुई है. जबकि पराली जलने की अधिक घटनाओं के कारण पीएम 2.5 के स्तर की प्रदूषण में गुरुवार को 20 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. वहीं, शुक्रवार बढ़कर यह 35 से 40 फीसदी होने का अनुमान है. 

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