देश की राजधानी दिल्ली की हवा में इन दिनों जहर घुला हुआ है. खुली हवा में अब लोगों का दम घुटने लगा है. सुबह-सुबह अच्छी और ताजा हवा नहीं, बल्कि जहरीली हवा लेने पर लोग मजबूर हैं. लगातार दिल्ली की आबोहवा बिगड़ती जा रही है. रविवार की सुबह भी दिल्ली के आसमान में धुंध की सफेद चादर छाई हुई है. राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर सुबह सुबह ही 'खतरनाक' स्थिति में जा पहुंचा है.
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दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी डाटा की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के तहत राजधानी के 3 इलाकों में वायु प्रदूषण सूचकांक गंभीर स्थिति में दर्ज किया गया है. बवाना में एयर क्वालिटी इंडेक्स 422, मुंडका में 423 और जहांगीरपुरी में 416 दर्ज किया गया है. उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.
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इससे पहले शनिवार को मुंडका, वजीरपुर और अलीपुर जैसे क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ दर्ज किया गया. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान 9 प्रतिशत रहा. शुक्रवार को पराली जलाने की 1,292 घटनाएं हुईं. हालांकि वायु गुणवत्ता में सोमवार को सुधार होने की उम्मीद है, जो बहुत खराब श्रेणी के मध्य तक जा सकती है. अनुमान है कि एक्यूआई 'बहुत खराब' श्रेणी में बरकरार रहेगा, लेकिन प्रदूषण का स्तर और अधिक नहीं गिरेगा.