'खतरनाक' स्तर पर पहुंची दिल्ली में वायु गुणवत्ता, कई इलाके सांस लेने लायक नहीं

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. आज सुबह सुबह ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच चुका है.

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Dalchand Kumar
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दिल्ली की हवा में घुट रहा दम! वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में( Photo Credit : फ़ाइल फोटो)

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. आज सुबह सुबह ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच चुका है. राजधानी में गुरुवार की सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 410 तक दर्ज किया गया है. पिछले कुछ हफ्तों से राजधानी की हवा में लगातार जहर घुल रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दिनों दिन बिगड़ती आबोहवा से दिल्लीवासियों की सांसें अटकने लगी हैं.

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दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401, अलीपुर में 405 और वजीरपुर में 410 दर्ज किया गया है. इन तीनों ही जगहों पर एक्यूआई का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में जा पहुंचा है. उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए काफी हद तक पराली को जिम्मेदार माना जा रहा है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ के अनुसार, दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा में पराली जलाने से उत्पन्न हुए कणों का प्रतिशत मंगलवार को बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया, जो कि इस मौसम में अब तक की सर्वाधिक मात्रा है. यह सोमवार को 16 प्रतिशत था, रविवार को 19 प्रतिशत और शनिवार को नौ प्रतिशत था.

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हवा की गति धीमी होने और कम तापमान के कारण प्रदूषण कारक तत्व एकत्रित हो जाते हैं और हवा की रफ्तार तेज होने से वह छितरा जाते हैं. सफर के अनुसार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की 1,943 घटनाएं हुई. जबकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राज्य में इस साल 21 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पराली जलाए जाने की 14,461 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान इसकी 9,796 घटनाएं सामने आई थीं. हरियाणा में इस सीजन में अब तक पराली जलाए जाने की लगभग 4,284 घटनाएं दर्ज की गई हैं.

उधर, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी में है. अधिकारियों से मुताबिक, यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए होगा और इसे जल्द ही लाया जाएगा. पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होते स्तर को लेकर चिंता जताई थी और केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लाएगा और उसके समक्ष चार दिन के भीतर एक प्रस्ताव पेश करेगा. इसके बाद ही नया कानून लाने जाने की बात सामने आई.

Source : News Nation Bureau

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