राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली सरकार की ओर से आज यानी मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी में प्रदूषण का स्तर 400 के करीब बना हुआ है. यही वजह है कि वातावरण में दिन-रात स्मॉग की सफेद परत छाई रहती है. जहरीली स्मॉग की इस धुंध ने लोगों को घरों से निकलना तक मुहाल कर दिया है. इस धुंध के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं. दिवाली के ऐन पहले पढ़े इस प्रदूषण के पीछे का कारण हरियाणा और पंजाब में जलाई जा रही पराली को माना जा रहा है.
पंजाब की तुलना में हरियाणा में 10 फीसदी भी पराली जलाने की घटनाएं नहीं हैं,हमारे यहां पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हो गई हैं। पिछले वर्ष पराली जलाने की 2,561 घटनाएं थी वो इस वर्ष 1,925 हो गई है जबकि इस वर्ष पंजाब में 13,873 घटनाएं हुई है: हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर,चंडीगढ़(31.10) pic.twitter.com/kv4oJ2awGu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 1, 2022
इस सीजन का अब तक का सबसे ज्यादा प्रदूषण आज देखा जा रहा है । नोएडा में आज 444 AQI दर्ज किया गया है । नोएडा में सबसे ज्यादा प्रदूषित सेक्टर 62 , प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आसमान में भारी धुंध छाई हुई है । नोएडा में चिल्ला बॉर्डर से महामाया तक जाम लगा है गाडियां रेंग रेंग कर चल रही है । गाड़ियों आवाजाही भी बढ़ते में बड़ा कारण माना जाता है ।
दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वर्तमान में नोएडा (UP) में 444 गंभीर श्रेणी में ,धीरपुर (दिल्ली) में 594 गंभीर श्रेणी में और गुरुग्राम (हरियाणा) में बहुत खराब श्रेणी में 391 है।दिल्ली का समग्र AQI आज सुबह 385 बहुत खराब श्रेणी में है। pic.twitter.com/nN2WSmafEY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 1, 2022
हरियाणा में लगातार बढ़ रही पराली जलाने की घटनाओं के लेकर हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमारी सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कई निर्णय लिए हैं। पराली न जलाने वाले किसानों को 1,000 प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पानीपत सहित उसके आसपास के 3 जिलों में IOCL ने इथेनॉल प्लांट लगाया है जिसके लगने से 4 जिलों की पराली ये प्लांट लेगा. हरियाणा CM ने आगे कहा कि पंजाब की तुलना में हरियाणा में 10 फीसदी भी पराली जलाने की घटनाएं नहीं हैं,हमारे यहां पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हो गई हैं। पिछले वर्ष पराली जलाने की 2,561 घटनाएं थी वो इस वर्ष 1,925 हो गई है जबकि इस वर्ष पंजाब में 13,873 घटनाएं हुई है.
नोएडा गाजियाबाद की आबोहवा में लगातार घुलता प्रदूषण का जहर...
साल दर साल नोएडा गाजियाबाद में प्रदूषण का लेबल लगातार बढ़ता ही जा रहा है सेंटर पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 को पार कर चुका है यानी नोएडा डार्क रेड जोन में शामिल हो चुका है तो वही गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 380 को पार कर चुका है यानी गाजियाबाद भी रेड जोन में है धुंध यानी स्मॉग की सफेद चादर शहर के चारों तरफ पसरी हुई है जिसका सीधा असर बच्चे और बुजुर्ग पर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है... नोएडा अथॉरिटी और गाजियाबाद जिला प्रशासन की तरफ से पोलूशन को कम करने के लिए तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन सभी आखिर में खोखले ही नजर आते हैं और इस दम घोटु पोलूशन का सामना नोएडा गाजियाबाद की जनता को करना पड़ता है...।
Source : News Nation Bureau