उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों विभन्न राज्यों की सरकारों को फटकार लगाई थी. इसके बाद गुरुवार को केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और एनसीटी दिल्ली के मुख्य सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के अध्यक्ष और पर्यावरण, वन, कृषि, आवासन एंव शहरी कार्य और विद्युत मंत्रायल के सचिव भी थे. सीएक्यूएम की ओर से उपलब्ध कराए आंकड़ों और राज्य सरकारों की ओर से पेश की गई जानकारियों के आधार पर यह सामने आया कि मौजूदा संकट पराली जलाने की वजह से उपजी है.
8 नवंबर को वायु प्रदूषण में सबसे अधिक योगदान पराली का रहा है. यह 38 प्रतिशत है. एक आंकड़े की मानें तो 15 सितंबर से 7 नवंबर के समय पराली जलाने की कुल 22,644 घटनाएं सामने आईं. इनमें से 20978 (93 प्रतिशत) पंजाब में और 1605 (7 प्रतिशत) घटनाएं हरियाणा में सामने आई हैं. इस चर्चा में ये बात सामने आई कि हरियाणा में कटाई 90 प्रतिशत तक पूरी हो गई. वहीं पंजाब में 60 प्रतिशत तक पूरी हुई है. ऐसे में कटाई के बचे हुए मौसम में रोक लगाने को लेकर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.
बैठक में ये बातें सामने आईं
1. इस बैठक में पंजाब राज्य प्रशासन इस फसल के मौसम के शेष दिनों में पराली जलाने से जुड़ी घटनाओं की रोकथाम को लेकर प्रभावी कार्रवाई करे. इस दौरान पराली न जलाई जाए. यह सब तय करने को लेकर डीसी/डीएम, एसएसपी और एसएचओ की जिम्मेदारी तय हो.
2. सीएक्यूएम को पंजाब और हरियाणा में उड़न दस्ता (फ्लाइंग स्क्वॉड) भेजना होगा. इसके साथ अगा घटनाओं को लेकर दैनिक रिपोर्ट सामने रखनी होगी. सीपीसीबी की ओर से सीएक्यूएम को जरूरी संख्या में श्रमशक्ति उपलब्ध करानी होगी.
3. पराली जलाने पर रोक के उल्लंघन के संदर्भ में बीते दो वर्षों के दौरान दर्ज मामलों से जुड़े सभी राज्य सरकारों की ओर से सभी अनुवर्ती कार्रवाईयों का कारण सीएक्यूएम के साथ साझा करना होगा.
4. कृषि मंत्रालय की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना के तहत अब तक 3,333 करोड़ रुपये जारी होने हैं. पंजाब को 1531 करोड़ रुपये और हरियाणा को 1006 करोड़ रुपये जारी होने हैं.
5. सीआरएम योजना के तहत पंजाब में करीब 1.20 लाख और हरियाणा में 76,000 सीडर मशीनें मौजूद हैं. इनसे पराली जलाने की घटनाओं को कुछ हद कम किया जा सकता है.
6. हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रोत्साहन योजना लागू कर रही है. इसमें किसानों से भूसे की खरीद और उसका परिवहन शामिल है.
Source : News Nation Bureau