राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आवोहवा में कोई खास सुधार नहीं आ रहा है. लगातार वायु गुणवत्ता खराब होती जा रही है. दिल्ली में आज प्रदूषण का स्तर 384 है और कई ऐसे इलाके ही जहां से 400 पार कर गया है. राजधानी के वजीरपुर इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है. गैस चैंबर बनी दिल्ली के आसमान में धुंध की सफेद चादर छाई हुई है.
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बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्लीवासियों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. खुली हवा में लोगों का लेना मुश्किल हो गया है. दिल्ली की जहरीली होती हवा से लोगों के आंखों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. ये सब हालात तब हैं जब दिल्ली में हवा 14 किलो/घंटा की रफ्तार से चल रही है. यानी ये हवा की रफ्तार धीमी हुई तो तस्वीर और भी भयवाह हो सकती है.
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है और इससे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. दिल्ली की प्रदूषित हवा में पराली का धुआं सबसे ज्यादा है. वायु प्रदूषण में पराली का हिस्सा शनिवार को 32 प्रतिशत तक बढ़ गया, जो एक दिन पहले 19 प्रतिशत पर था. हवा की दिशा और पराली में भारी वृद्धि के कारण राजधानी के प्रदूषण में पराली के धुएं की मात्रा बहुत ज्यादा है. केंद्र की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ने यह अनुमान लगाया है.
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अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली की ओर चलने वाली हवा के कारण और पराली जलाने जैसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि होने से पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि हुई है, जिसका अनुमान 32 प्रतिशत लगाया गया है. हालांकि सरकारी पूर्वानुमान एजेंसी ने हवा की अनुकूल गति के कारण अगले कुछ दिन में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना जताई है.
Source : News Nation Bureau