पूर्वी दिल्ली (East Delhi) में हसनपुर बस डिपो के पास एक दरगाह के आसपास अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई (Anti Encroachment Drive) की गई. अधिकारियों के मुताबिक यह एक संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा था, जिसमें कई प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे. आधिकारिक बयान के मुताबिक हसनपुर बस डिपो के पास दरगाह (Dargah) के चारों ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है. जमीन दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) और लोक निर्माण विभाग (PWD) की है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गाजीपुर इलाके में एक दरगाह के आसपास एक और अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने यह अभियान नहीं चलाया.
16वीं सदी की है दरगाह
अधिकारी ने कहा, 'यह एक संयुक्त कार्रवाई का हिस्सा है. पुलिस कर्मी और एमसीडी कर्मचारियों के साथ वहां मौजूद रहे.' इसके पहले 1 अप्रैल को भारी सुरक्षा के बीच दक्षिणी दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन के पास एक प्रमुख सड़क के बगल में स्थित एक पुरानी 'दरगाह' के स्थान पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी.दरगाह के केयरटेकर यूसुफ बेग ने बताया, 'सदियों पुराने 16वीं शताब्दी का एक डबल गुंबददार मुगल युग स्मारक के पास सैयद अब्दुल्ला उर्फ भूरे शाह की दरगाह है. यह मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के लोगों द्वारा पूजनीय हैं.'
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इसके पहले 1 अप्रैल को चला था अभियान
दक्षिण दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह के पास सैयद अब्दुल्ला दरगाह में एक अवैध निर्माण को सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ध्वस्त कर दिया गया था. पुलिस ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली में पर्याप्त सुरक्षा तैनात की गई थी. पीडब्ल्यूडी के दल ने चक्करवाली मस्जिद के पास अभियान चलाया, जो आसपास के क्षेत्र में मथुरा रोड के सामने स्थित है. मजदूर अब साइट से मलबा साफ कर रहे हैं. यह दरगाह 500 साल पहले बनाई गई थी. दरगाह उस समय की है जब न तो सड़क थी और न ही पगडंडी. एसडीएम ने कहा था कि कुछ हिस्सों को गिराना था, इसलिए हमने 13 मीटर तक निर्माण हटा दिया था.
HIGHLIGHTS
- हसनपुर बस डिपो के पास दरगाह के आसपास अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई
- जमीन दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड और लोक निर्माण विभाग की है
- हजरत निजामुद्दीन के पास दरगाह के आसपास भी हटाया गया था अतिक्रमण