दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं. सैकड़ों किसान दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जमा हुए हैं और नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान आंदोलन पर अब राजनीति भी गर्म हो गई है. वहीं इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार तुरंत बिना शर्त किसानों से बात करें. आरोप प्रत्यारोप के बीच केंद्र सरकार ने भी किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है.
वहीं किसानों ने दिल्ली की सीमा पर ही डटे रहने का फैसला लिया है. यह फैसला विरोध प्रदर्शन में जुटे विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की कोर कमेटी की बैठक में लिया गया है. मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किसानों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसानों को अधिकार मिले हैं. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है. लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है, हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे. किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें.
किसान आंदोलन पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है. सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है. एक यात्री रामू ने बताया कि सारा रास्ता जाम है, 5-6 किलोमीटर पैदल आया हूं.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पंजाब से 7 लाख आदमी आए हैं. हम यहीं रहेंगे, सारी सड़कें ब्लॉक कर देंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं. टिकरी बॉर्डर (दिल्ली हरियाणा बॉर्डर) पर किसान 4 दिन से चक्का जाम करके बैठे हुए हैं. बॉर्डर बंद होने की वजह से लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है.
Source : News Nation Bureau