Arvind Kejriwal: दिल्ली की शराब नीति कथित घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी दफ्तर में पेश होना था. लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए. वह मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गए. इससे पहले उन्होंने ईडी को लिखित जवाब भेजकर इसे राजनीति से प्रेरित और गैर कानूनी करार दिया. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच कर रही है. इसी संबंध में ईडी ने पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को समन भेजकर 2 नवंबर को पेश होने को कहा था, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसे गैर कानूनी बताते हुए पेश होने से इनकार कर दिया है. बता दें शराब नीति घोटाले के मामले में ईडी पहले ही पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है. मुख्यमंत्री केजरीवाल के पेश नहीं होने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि ईडी अब आगे क्या फैसला लेगा. चर्चा है कि ईडी केजरीवाल को दूसरा समन जारी कर सकता है. या फिर गिरफ्तार भी कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम अगर ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी अपना अधिकार इस्तेमाल कर उनपर कार्रवाई कर सकती है.
आरोप पत्रों में ईडी ने बार-बार अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया
दरअसल, शराब नीति घोटाले के मामले में दाखिल आरोप पत्रों में ईडी ने बार-बार अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है. अप्रैल 2023 में सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल से लंबी पूछताछ की थी. आरोप पत्रों में ईडी ने अरविंद केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया था. इसी के आधार पर ईडी ने केजरीवाल को समन जारी कर पेश होने को कहा था, लेकिन केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया है. ऐसे में अब ईडी कौन सा कदम उठा सकती है और केजरीवाल के पास बचने के क्या उपाय हैं.
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर पेश होने को कहा था. लेकिन वो पेश नहीं हुए. ऐसे में जानना जरूरी है कि अगर कोई शख्स पेश नहीं होता है तो उनके पास क्या-क्या विकल्प है और ईडी के पास आगे कार्रवाई करने के कौन-कौन से रास्ते हैं. तो आइए जानते है कि आखिर क्या है पूरा मामला. अगर कोई व्यक्ति ईडी के समन को तीन बार नजरअंदाज कर सकता है. तो समन भेजने के बाद जांच एजेंसी गैर जमानती वारंट की मांग कर सकती है. कोर्ट के आदेश पर गैर जमानती वारंट जारी होती है. जिस पर तय समय और तारीख के भीतर उसे पेश होना जरूरी होता है. अगर वह गैर जमानती वारंट पर भी ध्यान नहीं देता तो उस स्थिति में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.
केजरीवाल के पास क्या हैं विकल्प
अरविंद केजरीवाल ईडी के समन को चुनौती देने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. केजरीवाल कोर्ट से समन के खिलाफ अग्रिम जमानत की मांग कर सकते हैं. हालांकि, समन को चुनौती देना इतना आसान भी नहीं होता. अगर जांच एजेंसी अड़ जाए तो वह शख्स को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकता है. कोर्ट से जांच एजेंसी अपील कर सकता है कि संबंधित व्यक्ति को पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड दी जाए. यह कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह उसे रिमांड देता है या नहीं. बता दें कि फरवरी में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार जमानत की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. वहीं, 5 अक्टूबर को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
Source : News Nation Bureau