दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, उन्होंने कहा कि ऐसा आचरण लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने यह भी कहा की कि कुमार के NDA में जाने से बिहार में एनडीए की चुनावी संभावनाओं को नुकसान होगा. केजरीवाल ने कहा कि, "मुझे लगता है कि नीतीश कुमार को वहां नहीं जाना चाहिए था. उन्होंने सही काम नहीं किया. यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. मुझे लगता है कि इससे बिहार में एनडीए को नुकसान होगा और भारतीय गठबंधन को इससे फायदा होगा.
केजरीवाल ने कहा कि, ऐसा आचरण लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. गौरतलब है कि, नीतीश कुमार ने रविवार को इंडिया ब्लॉक छोड़ दिया, इसका कारण उन्होंने गठबंधन में चीजें ठीक से काम नहीं करना बताया, जिसके बाद नीतीश ने बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई.
आप-कांग्रेस में सीट बंटवारे पर चर्चा...
मालूम हो कि, नीतीश कुमार पहली बार 2013 में एनडीए से महागठबंधन में शामिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने 2017 में गठबंधन छोड़ दिया और एनडीए में चले गए. 2022 में उन्होंने एक बार फिर लालू यादव की पार्टी से हाथ मिला लिया. वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा और हरियाणा में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा कर रही है. बता दें कि आप पार्टी ने पंजाब और हरियाणा इकाइयों ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में अनिच्छा दिखाई है.
"आया कुमार, गया कुमार"
कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार के महागठबंधन त्याग भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, उन्होंने नीतीश कुमार को गिरगिट और "आया कुमार, गया कुमार" कहा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कुमार के बार-बार पलटने को लेकर उनका मजाक भी उड़ाया.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "शपथ लेने के बाद, नीतीश कुमार जी अपना 'मफलर' राजभवन में भूल गए. जब वह लेने के लिए आधे रास्ते से वापस आए, तो राज्यपाल हैरान थे कि इस बार 15 मिनट भी नहीं बीते थे.
इस वजह से नीतीश ने छोड़ा महागठबंधन का साथ...
वहीं दूसरी ओर जदयू ने नीतीश कुमार के पाला बदलने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व छीनने का प्रयास किया और ममता बनर्जी को समूह के प्रधान मंत्री पद के चेहरे के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया. यही वजह रही कि नीतीश ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया.
Source : News Nation Bureau