अरविंद केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफे के साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने को लेकर गुरुवार को प्रदेश स्तरीय मंडल प्रभारियों के साथ बैठक हुई. इस दौरान AAP के राष्ट्रीय महासचिव संगठन डॉ.संदीप पाठक और प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बैठक को संबोधित किया, उन्होंने हर बूथ को जीतने का मंत्र दिया. डॉ.संदीप पाठक ने कहा कि इस बार दिल्ली का चुनाव खास होने वाला है. आज तक किसी पार्टी ने इस स्तर पर चुनाव नहीं लड़ा होगा. बैठक में मौजूद प्रदेशाध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को सेनापति की तरह यह लड़ाई लड़नी होगी, ताकि अरविंद केजरीवाल प्रचंड बहुमत से दोबारा सीएम बनें. 22 सितंबर को जंतर मंतर पर जनता की अदालत लगेगी, इसे अरविंद केजरीवाल संबोधित करेंगे.
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केजरीवाल के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से सरकार बनी: गोपाल राय
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन डॉ संदीप पाठक ने कहा कि इस बार वे भी एक मंडल लेंगे. उन्होंने कहा, 'मेरे पास चाहें जितने भी काम हों, लेकिन मैं एक मंडल पर काम करूंगा.' वहीं, ‘आप’ दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा ' सभी मंडल प्रभारी अपने-अपने मंडल के सेनापति हैं. दिल्ली के लोगों के आशीर्वाद और वोट से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से सरकार बनी. दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनी. इसके बाद गोवा व गुजरात में भी हमारे विधायक जीते और देखते-देखते ‘आप’ देश की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी बन गई.
दिल्ली का काम नहीं रुका: गोपाल राय
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा को लगा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली प्रयोगशाला है, जहां नए-नए काम के अविष्कार होते हैं. अगर दिल्ली फैक्ट्री नहीं बंद हुई तो वह दिन दूर नहीं जब केंद्र मे सरकार भी ‘आप’ की बनेगी. इसलिए, पहले भाजपा ने दिल्ली के काम रोकने के लिए एलजी को लगाया लेकिन काम नहीं रुका. फिर हमारे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह को जेल भेज दिया. मगर दिल्ली का काम नहीं रुका. बाद में अरविंद केजरीवाल को भी जेल में डाल दिया गया. इसके बाद भी दिल्ली का काम नहीं रुका.
दिल्ली की जनता ने दिया था आदेश
गोपाल राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा गया. उनसे कहा कि जेल से सरकार नहीं चलती है. भारत के इतिहास में पहली बार एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में डाला. अरविंद केजरीवाल ने भी जेल से सरकार चला कर दिखा दिया. जेल से भी सरकार काम कर सकती है. गोपाल राय ने कहा कि केजरीवाल पर तमाम आरोप लगाए गए. अरविंद केजरीवाल जेल से भी इस्तीफा देने की हिम्मत रखते थे. उन्होंने इसलिए जेल से इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि दिल्ली की जनता ने आदेश दिया था कि जेल में रहकर के इस्तीफा नहीं देना है. अगर जेल में केजरीवाल इस्तीफा देते तो संदेश जाता कि जिस तरह दिल्ली में केजरीवाल को जेल में डाला और इस्तीफा दे दिया. इसी तरह पूरे देश में गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों को जेल में डालकर उनसे इस्तीफा ले लेते.
अरविंद केजरीवाल ने एक नया इतिहास रचा
गोपाल राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने एक नया इतिहास रचा और हम पर दबाव काम नहीं आया. केजरीवाल ने बाहर आने पर इस्तीफा दे दिया. अरविंद केजरीवाल दुनिया के इकलौते ऐसे नेता हैं जो चौराहे पर खड़े होकर यह कहने की हिम्मत रखते हैं कि अगर मैं ईमानदार हूं, तभी मुझे वोट देना. वहीं अगर मैं बेईमान हूं तो मुझे वोट मत देना. केजरीवाल ने ऐलान किया कि अब मैं जनता की अदालत में जाऊंगा. जब तक दिल्ली के लोग अपने समर्थन और प्रचंड बहुमत से ऐलान नहीं करते हैं कि केजरीवाल ईमानदार हैं. वह दिल्ली के मुख्यमंत्री कुर्सी को हाथ नहीं लगाएंगे. साथ ही उन्होंने सरकारी आवास समेत सभी सरकारी सुविधाएं छोड़ने की घोषणा कर दी.
(रिपोर्ट: मोहित बख्शी)