दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली. हाई कोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. इसलिए राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हैं. कोर्ट ने आगे ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता. यह पूरी तरह से अनुचित है. यह दर्शाता है कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया है. कोर्ट को ED को जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को बेल दी थी, लेकिन ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने 21 जून को रोक लगा दी थी. अब बुधवार (26 जून ) को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी.
जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि निचली अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते समय दलील ठीक तरीके से नहीं सुन पाई. अपना विवेक का इस्तेमाल किए बगैर उन्हें जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने कहा हमने दोनों पक्षों को सुना, लेकिन निचली अदालत ने ईडी के दस्तावेजों पर गौर नहीं किया. निचली अदालत ने पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर गौर नहीं किया.
निचली अदालत ने दलील नहीं सुनी
जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि निचली अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते समय दलील ठीक तरीके से नहीं सुन पाई. अपना विवेक का इस्तेमाल किए बगैर उन्हें जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने कहा हमने दोनों पक्षों को सुना, लेकिन निचली अदालत ने ईडी के दस्तावेजों पर गौर नहीं किया. निचली अदालत ने पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर गौर नहीं किया.
Source : News Nation Bureau