दिल्ली सरकार ने राजधानी में निर्माण कार्य को छूट दे दी. दिल्ली में भयानक प्रदूषण और दम घोंटू हवा की वजह से 1 हफ्ते से सभी निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई थी. लेकिन दो दिन से दिल्ली के प्रदूषण में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया तो सरकार ने यह निर्णय किया. केजरीवाल सरकार ने कहा है कि अगर कंस्ट्रक्शन वर्क को ज्यादा वक्त के लिए रोक दिया गया तो दिल्ली में मजदूरों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा. दूसरी सबसे बड़ी वजह सीईसी रिपोर्ट है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में 31 फीसदी प्रदूषण आंतरिक कारणों से जबकि 69 फीसदी प्रदूषण सटे हुए दूसरे राज्यों की वजह से होता है.
निर्माण कार्य को दी गई छूट पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि दिल्ली में सरकार बिल्डर माफिया के दबाव में काम कर रही है यही वजह है कि निर्माण कार्य को छूट दी गई है. यही नहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार के साथ ही जिस तरीके से सिर्फ निर्माण कार्य को छूट दी गई उस पर सवाल खड़े होने लगे है.
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पिछले 20 दिनों से प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर में लोगों को हवा में थोड़ी सुधार से राहत क्या मिली दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य को छूट दे दी. इसका मकसद प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना था. प्रदूषण को कम करने के लिए निर्माण पर रोक के साथ ही स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था और गैर जरूरी सामानों को लाने वाले ट्रकों के राजधानी दिल्ली में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक 31 फीसदी जो प्रदूषण दिल्ली में फैलता है उसमें आधा से ज्यादा दिल्ली की सड़कों पर रोजाना दौड़ने वाली गाड़ियों और टू व्हीलर से निकलने वाले धुएं की वजह से होता है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इसी वजह से सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले लोगों को अभी वर्क फ्रॉम होम करने की इजाजत दी गई है. ताकि सड़कों पर कम से कम गाड़िया निकले. इसके अलावा कहा गया है कि सिर्फ 4 से 5 फीसदी प्रदूषण ही निर्माण कार्यों से होता है इसलिए इसकी इजाजत दे दी गई है.
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय की मानें तो दिल्ली की तमाम सिगनल्स पर दिल्ली सरकार की तरफ से चलाया जाने वाला अभियान रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ जारी रहेगा ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके. इसके पीछे उन्होंने कारण बताया है कि एक आदमी जब सड़क पर गाड़ी ले कर निकलता है तो वह दिन भर में 10 से 12 रेडलाइट्स पर गाड़ी को खड़ा करता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है. अभियान के जरिए लोग अपनी गाड़ियों को बंद करते हैं तो प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की जाती है.
गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली में पिछले 2 दिनों से तेज हवा चल रही है और इसकी रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की है. इससे प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार आया है. उन्होंने कहा, अगले दो दिन बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर रिव्यू मीटिंग करेगी और देखेगी कि क्या वाकई हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है. अगर ऐसा होता है तो स्कूल खोल दिए जाएंगे और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों को भी दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल जाएगी.